रॉयटर्स के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या का मामला पहुंचा इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, तालिबान के खिलाफ कार्रवाई शुरू
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 22, 2022 05:38 PM2022-03-22T17:38:43+5:302022-03-22T17:49:47+5:30
अन्तर्राष्ट्रीय पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित दानिश सिद्दीकी की हत्या तालिबानी आतंकियों ने 16 जुलाई को उस वक्त कर दी थी, जब वो अफगान सुरक्षा बलों के साथ अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास स्पिन बोल्डक शहर में थे। दानिश उस वक्त तालिबानी हमले की जद में आ गये जब वो अफगान सरकार की फौज के साथ तालिबानी लड़ाई को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे।
दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा हिंसक तख्तापलट में मारे गये रॉयटर्स के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी के माता-पिता ने न्याय के लिए इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में गुहार लगाई है। दानिश पिछले साल अफगानिस्तान में तालिबानी हिंसा कवर करने के दौरान मारे गये थे।
जानकारी के मुताबिक दानिश के माता-पिता की गुजारिश पर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने इस्लामिक हिंसावादी समूह तालिबान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बात की जानकारी दानिश के परिवार के वकील ने मंगलवार को दी।
अन्तर्राष्ट्रीय पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित दानिश सिद्दीकी की हत्या तालिबानी आतंकियों ने 16 जुलाई को उस वक्त कर दी थी, जब वो अफगान सुरक्षा बलों के साथ अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास स्पिन बोल्डक शहर में थे। दानिश उस वक्त तालिबानी हमले की जद में आ गये जब वो अफगान सरकार की फौज के साथ तालिबानी लड़ाई को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे।
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में पहुंचे इस मामले की जानकारी देते हुए दानिश के परिवार के वकील अवि सिंह ने एक ऑनलाइन समाचार सम्मेलन में कहा कि दानिश सिद्दीकी के माता-पिता हेग स्थित इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में तालिबान के छह नेताओं और अन्य अज्ञात कमांडरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उन्हीं आतंकियों के समूह ने उनके बेटे दानिश पर हमला किया था क्योंकि दानिश एक भारतीय फोटो जर्नलिस्ट थे।
दिल्ली के रहने वाले दानिश सिद्दीकी भारत से तालिबान अभियान को कवर करने के लिए रॉयटर्स की तरफ से अफगानिस्तान की यात्रा पर गये थे, जहां अमेरिकी सेना लगभग 20 साल लंबे शंघर्ष के बाद अफगानिस्तान को अपने हाल पर छोड़कर वतन वापसी कर रही थी और इस्लामिक आतंकी समूह हथियारों के बल पर अफगान सरकार को अपदस्थ कर रहा था।
स्पिन बोल्डक में 38 साल के दानिश सिद्दीकी को तालिबान लड़ाने ने पहले अपने हिरासत में लिया और फिर प्रताड़ित करते हुए उनकी हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं क्रूर आतंकियों ने दानिश के शव को भी गाड़ियों से कुचलकर क्षत-विक्षत कर दिया था।
दानिश के परिवार ने इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा, "दानिश के साथ तालिबान द्वारा किया गया हिंसक कृत्य न केवल हत्या की बात को दर्शाता है बल्कि ये मानवता के खिलाफ क्रूर अपराध है।"
दानिश सिद्दीकी की मौत के बाद तत्कालीन अफगानी स्पेशल ऑपरेशंस कॉर्प्स के एक कमांडर ने बताया था कि तालिबान के साथ भीषण लड़ाई के बीच जब सैनिक स्पिन बोल्डक से पीछे हट गये तो फोटो जर्नलिस्ट दानिश गलती से दो कमांडो के साथ पीछे छुट गये थे।
वहीं इस मामले में अन्तर्राष्ट्रीय आलोचना झेलने के बाद तालिबान ने प्रेस कांफ्रेंस करके इस बाक का खंडन किया था कि उनके लड़ाकों ने दानिश सिद्दीकी को पहले पकड़ था और उसके बाद मार था। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा ता कि दानिश दोनों ओर से हुई फायरिंग के बीच मारे गये।
वहीं दूसरी ओर अफगान सुरक्षा अधिकारियों और भारत सरकार के अधिकारियों ने बताया था कि तस्वीरों, खुफिया जानकारी और मौत के बाद सिद्दीकी के शरीर के हुए पोस्टमार्टम से स्पष्ट हुआ था कि तालिबान ने पहले दानिश को जिंदा पकड़ा फिर यातना देकर उसे मार डाला और उसके बाद उनके शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया।