महाराष्ट्र विस में प्रस्ताव पारित, आरक्षण पर 50 फीसद की सीमा हटाने के लिये संविधान संशोधन का आग्रह
By भाषा | Published: July 5, 2021 05:56 PM2021-07-05T17:56:11+5:302021-07-05T17:56:11+5:30
मुंबई, पांच जुलाई महाराष्ट्र विधानसभा ने सोमवार को एक प्रस्ताव पारित कर पूर्व में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित जाति आधारित आरक्षणों पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन लाने की केंद्र से अपील की।
इस सीमा के कारण मराठा समेत सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) को आरक्षण देने में बाधा आ रही है।
राज्य के लोक निर्माण (पीडब्ल्यूडी) मंत्री अशोक चव्हाण द्वारा मॉनसून सत्र के पहले दिन पेश किए गए प्रस्ताव के मुताबिक, जाति आधारित आरक्षणों पर लागू 50 प्रतिशत की सीमा में छूट के बिना, सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को आरक्षण नहीं दिया जा सकता।
उच्चतम न्यायालय ने मराठा समुदाय को प्रवेश एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के महाराष्ट्र सरकार के 2018 के कानून को इस साल पांच मई को निरस्त कर दिया था। एसईबीसी के लिए महाराष्ट्र राज्य आरक्षण कानून, 2018 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह 1992 में उसके द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसले के तहत लागू 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन करता है।
चव्हाण ने जब यह प्रस्ताव पेश किया तब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। मराठा समुदाय के सदस्य महाराष्ट्र भर में एसईबीसी आरक्षण बहाल करने की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।