UP के 'कोरोना' गांव के निवासियों को करना पड़ता है भेदभाव को सामना, नाम सुनकर ही लोग बना लेते हैं दूरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 29, 2020 06:31 PM2020-03-29T18:31:27+5:302020-03-29T18:31:27+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में 24 मार्च की रात से अगले 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है।
लखनऊ: देश भर में कोरोना वायरस तेजी से लोगों को अपने चपेट में ले रहा है। भारत में कोरोना वयरस से संक्रमित लोगों की संख्या करीब 1000 होने वाली है। नरेंद्र मोदी सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में 24 मार्च की रात से अगले 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है।
इसी बीच खबर आ रही है कि यूपी के सीतापुर जिले में एक कोरोना नाम का गांव हैं। इस गांव के लोगों को इन दिनों काफी भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।
एएनआई की मानें तो यूपी में सीतापुर के एक गांव कोरोना के निवासियों का कहना है कि वे जब से कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हुआ है, हमें भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। गांववालों का कहना है कि कोरोना नाम सुनकर लोग हमसे दूरी बना लेते हैं।
Residents of Corona, a village in Sitapur say they have been facing discrimination, ever since the outbreak of #coronavirus. Rajan, a villager says, "When we tell people we are from Corona, they avoid us. They don't understand that it's a village, not someone infected with virus" pic.twitter.com/gxz6oIx8UP
— ANI UP (@ANINewsUP) March 29, 2020
इसके अलावा अमर उजाला की एक खबर के मुताबिक, शनिवार (28 मार्च 2020) को एक खबर हरियाणा से आई थी कि जब कोरोना वायरस को देश व दुनिया से खत्म करने के लिए विश्वभर में प्रयास जारी हैं। इसी समय सोहना में एक महिला को पुत्र रत्न की प्राप्ति होने पर नवजात का नाम कोरोना कुमार रखा है। कोरोना नाम रखने के बाद ही यह बच्चा लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
बता दें कि नगर परिषद के वार्ड-3 के सुशीलनगर में रहने वाले मोहित कुमार यादव को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई तो पंडितों ने कई नाम सुझाए लेकिन मोहित यादव ने एक अनोखा ही फैसला लिया। उनके इस फैसले से जहां लोग आश्चर्य में हैं वहीं हंस भी रहे हैं।
दरअसल मोहित कुमार ने बताया कि आज पूरे विश्व में कोरोना सबके दिलों-दिमाग में छाया हुआ है। ऐसे में उन्होंने अपने पुत्र का नाम कोरोना कुमार रखने का फैसला लिया है। लोग इस पर कह रहे हैं कि जिस बीमारी ने पूरी दुनिया को डरा रखा है, उसी पर कोई कैसे अपने बेटे का नाम रख सकता है।