आरक्षण मांग : कर्नाटक सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की
By भाषा | Updated: March 10, 2021 22:52 IST2021-03-10T22:52:24+5:302021-03-10T22:52:24+5:30

आरक्षण मांग : कर्नाटक सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की
बेंगलुरु, 10 मार्च कर्नाटक सरकार ने मौजूदा आरक्षण को संशोधित करने के लिए राज्य में विभिन्न समुदायों की मांगों पर गौर करने और इस पर सलाह देने के लिए बुधवार को उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की।
मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘संविधान और कानूनी ढांचे के अनुरूप आरक्षण पर विभिन्न समुदायों की मांगों पर गौर करने के लिए मंत्रिमंडल के फैसले के तहत उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुभाष आदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गयी है।’’
इसमें कहा गया कि पूर्व मुख्य सचिव रत्ना प्रभा और महारानी आर्ट कॉलेज, मैसुरू के सहायक प्रोफेसर बी वी वसंत कुमार इस समिति के सदस्य होंगे।
राज्य मंत्रिमंडल ने तीन मार्च को तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित करने का फैसला किया था और मुख्यमंत्री को इस समिति के लिए नियुक्ति करने का दायित्व सौंपा था।
फैसले के बारे में विधि मंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा था कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश कानूनी और संवैधानिक पहलुओं पर विचार करेंगे और सेवानिवृत्त प्रशासक इसके प्रशासनिक पहलुओं को देखेंगे।
वीरशैव-लिंगायत केंद्रीय सूची के तहत ओबीसी के दर्जे की मांग कर रहे हैं वहीं समुदाय के पंचमसाली लिंगायत राज्य कोटा में श्रेणी दो ए के तहत समुदाय को रखने की मांग कर रहे हैं।
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