नोएडा (उत्तर प्रदेश), 22 जून ग्रेटर नोएडा में पांच अज्ञात व्यक्तियों द्वारा कथित रूप से बंदूक दिखा कर पत्रकार से लूटपाट करने का मामला सामने आया है।
हिंदी समाचार चैनल में काम करने वाले पत्रकार अतुल अग्रवाल ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि घटना 19 और 20 जून की दरम्यानी रात को हुई। आरोपियों ने उनके बटुए में रखे करीब पांच हजार रुपये छीन लिये और उनका गला दबाने की कोशिश की।
पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उसे घटना के संबंध में अग्रवाल की ओर से शिकायत नहीं मिली है, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
अग्रवाल ने अपने फेसबुक पोस्ट में दावा किया कि घटना ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) में एक पुलिस चौकी से बमुश्किल 250-300 मीटर की दूरी पर हुई, जिसे नोएडा एक्सटेंशन भी कहा जाता है।
उन्होंने कहा, ''मेरी कार के म्यूजिक सिस्टम में कुछ दिक्कतें थीं, इसलिए यूएसबी पेन ड्राइव को ठीक करने के लिए मुझे अपनी कार रोकनी पड़ी। अचानक, दो मोटरसाइकिलों पर सवार पांच युवक वहां आए और मेरी कार को रोक दिया।''
अग्रवाल ने दावा किया, ''कार अंदर से बंद थी। उन्होंने खिड़कियों पर हाथ मारना शुरू कर दिया तो मैंने विरोध किया। फिर उनमें से एक ने बंदूक निकाली और मुझे इशारा किया, जिससे मुझे कार से बाहर आने के लिए मजबूर होना पड़ा। मेरे पास और कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने मुझपर बंदूक तान दी, इसलिए मुझे उनकी बात माननी पड़ी।''
अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने मास्क पहने हमलावरों से उनकी जान बख्शने की गुहार लगाई। पत्रकार ने कहा कि उन्होंने बदमाशों से कहा कि वे उनकी कार और जितने पैसे उनके पास हैं, ले लें।
उन्होंने कहा कि हमलावरों ने उनके बटुए में रखे करीब 5,000 रुपये ले लिए, लेकिन यह पता चलने पर कि वह एक पत्रकार हैं, उनका मोबाइल फोन और सोने के आभूषण छोड़ गए।
अग्रवाल ने दावा किया कि कि एक आरोपी ने उनका गला घोंटने का प्रयास किया, लेकिन उसके एक सहयोगी ने उसे रोक दिया।
हालांकि स्थानीय पुलिस ने कहा कि अग्रवाल उनके साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं और घटना के 48 घंटे बाद भी उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है।
पुलिस उपायुक्त (मध्य नोएडा) हरीश चंद्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ''सोशल मीडिया पर घटना की जानकारी मिलने के बाद हमने स्वत: संज्ञान लिया। हमने मामले की जांच और हमलावरों का पता लगाने के लिए पुलिस टीमों का गठन किया है।''
उन्होंने कहा, ''हालांकि, स्थानीय पुलिस को पत्रकार की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। उन्होंने कोई औपचारिक शिकायत नहीं की है इसलिए अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।