रेमडेसिविर की खुली खरीद पर नहीं है कोई नीति, 2 हजार का इंजेक्शन बिक रहा है 10 से 12 हजार में

By एसके गुप्ता | Published: April 22, 2021 08:16 PM2021-04-22T20:16:08+5:302021-04-22T20:17:24+5:30

केन्द्र सरकार ने वायरल-रोधी दवा रेमडेसिविर की कमी की खबरों के बीच बुधवार को बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की उत्पादन क्षमता को मौजूदा प्रतिमाह 38 लाख शीशियों से बढ़ाकर 74 लाख शीशी किया जा रहा है।

Remdesivir no policy open purchase injection of 2 thousand is being sold for 10 to 12 thousand | रेमडेसिविर की खुली खरीद पर नहीं है कोई नीति, 2 हजार का इंजेक्शन बिक रहा है 10 से 12 हजार में

रेमडेसिविर की घरेलू मांग को पूरा करने के लिये 11 अप्रैल को इसके निर्यात पर पाबंदी लगाई जा चुकी है।

Highlightsकेन्द्र ने यह भी कहा कि 20 अतिरिक्त उत्पादन इकाइयों को भी मंजूरी दे दी गई है।सरकार की ओर से इस संबंध में निर्माताओं को भरपूर सहयोग दिया जा रहा है।मौजूदा प्रतिमाह 38 लाख शीशियों से बढ़ाकर 74 लाख शीशी करने के प्रयास जारी हैं।

नई दिल्लीः कोरोना महामारी से पीड़ित लोग खुले बाजार में रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में खरीद रहे हैं।

 

इसकी वजह यह है कि रेमडेसिविर खरीद को लेकर यह तो कहा जा रहा है कि अस्पताल के पर्चे पर कैमिस्ट यह इंजेक्शन देगा। लेकिन मेडिकल स्टोर से यह दवा गायब है। ऐसे में दवा मिलेगी कैसे? नीति आयोग के सदस्य और कोरोना टास्क फोर्स के चेयरमैन डा. वीके पॉल से जब लोकमत ने इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि इंजेक्शन अस्पतालों में ही मिले और मेडिकल स्टोर तक लोगों को न जाना पड़े इस नीति पर काम चल रहा है।

सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने के लिए हाल ही में उनके साथ तीन दिन पहले बैठक की थी। जिसमें उत्पादन को 1.5 लाख शीशी प्रतिदिन से बढ़ाकर 3 लाख शीशी उत्पादन करने का लक्ष्य अगले 15 दिनों में दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय से जब यह जानकारी मांगी गई कि क्या सरकार की ओर से कोई निर्देश है कि जिला मजिस्ट्रेट अस्पतालों के आग्रह पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति कराएंगे।

क्या कोई ऐसा आदेश सरकार ने दिया है तो केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि कुछ राज्यों ने मौखिक तौर पर ऐसी व्यवस्था बनाई है। लेकिन केंद्र की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल घरेलू उपयोग के लिए बिल्कुल नहीं है।

यह इंजेक्शन अभी तक मेडिकल स्टोर पर मिल रहा है और कालाबाजारी करने वालों पर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीमें छापेमारी की कार्रवाई भी कर रही हैं। आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी। नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पॉल ने कहा कि चिकित्सकों को सलाह दी गई है कि वह 8 से 10 फीसदी मामलों में ही रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवाने का परामर्श रोगी को दें।

क्योंकि यह इंजेक्शन जीवन रक्षक नहीं है। इसकी पुष्टि डब्ल्यूएचओ की स्टडी में भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन पहले 1.5 लाख शीशी प्रतिदिन हो रहा था। भारत से 100 देशों को इस इंजेक्शन का निर्यात हो रहा था। देश की सात फार्मा कंपनियां इसका उत्पादन कर रही हैं।

सभी कंपिनयों से कहा है कि उत्पादन 26 लाख शीशियों से बढ़ाकर क्षमता अनुरूप 40 लाख शीशियों तक लाया जाए और उसके बाद महीने भर में 76 लाख शीशियों या यूनिट तक इसे पहुचाएं। इसके लिए नए प्लांट शुरू करने की भी मंजूरी दी गई है।

 

Web Title: Remdesivir no policy open purchase injection of 2 thousand is being sold for 10 to 12 thousand

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