मिग-21 क्रैश में मारे गये फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल के परिजनों ने कहा, "क्रैश में मरने के लिए बेटा वायुसेना में नहीं गया था, फौरन मिग-21 को सेवा से हटाएं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 30, 2022 02:40 PM2022-07-30T14:40:21+5:302022-07-30T16:23:48+5:30
राजस्थान के बाड़मेर में बीते गुरुवार को मिग-21 क्रैश हो गया था, जिसमें भारतीय वायुसेना के दो पायलटों की जान चली गई थी। इनमें से एक जम्मू के आरएस पुरा के रहने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल थे, वहीं दूसरे पायलट विंग कमांडर एम राणा थे, जो हिमाचल प्रदेश के रहने वाले थे।
जम्मू: मिग-21 दुर्घटना में मारे गये फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल के परिवार ने घटना पर रोष जाहिर करते हुए केंद्र सरकार के सामने प्रतिरोध जताते हुए कहा कि हमने अपने बच्चे को वायुसेना में इसलिए नहीं भेजा था कि प्लेन क्रैश में मारा जाए, हमने अपने बच्चे को देश सेवा में इसलिए भेजा था कि वो देश के दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हो।
राजस्थान के बाड़मेर में बीते गुरुवार को टू सीटर मिग-21 ट्रेनिंग फ्लाइट के दौरान क्रैश हो गया था, जिसमें भारतीय वायुसेना को अपने दो पायलटों को खोना पड़ा था। इनमें से एक जम्मू के आरएस पुरा के रहने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल थे, वहीं दूसरे पायलट विंग कमांडर एम राणा थे, जो हिमाचल प्रदेश के रहने वाले थे।
दुर्घटना के बाद फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल के परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से आग्रह किया कि वो वायुसेना से पुराने हो चुके मिग-21 बेड़े को फौरन सेवा से बाहर करें ताकि किसी ओर युवक की जान न जाए।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल के रिटायर्ड सैन्यकर्मी चाचा करमवीर बल ने कहा, "हमारे बच्चे को युद्ध के मैदान में दुश्मनों से लड़ने का शौक था, लेकिन मिग-21 क्रैश में उसकी ख्वाहिश अधूरी रह गई।"
उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री से अपील करता हूं कि मिग-21 को वायुसेना से फौरन बाहर निकालें, ताकि वायुसेना के अन्य पायलट की जान को इस तरह से गंवाना पड़े।"
इस हादसे के बाद फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल के जम्मू स्थित आरएस पुरा के जिंदरमेहलु गांव में शोक प्रकट करने वालों की भारी भीड़ लगी है। फ्लाइट लेफ्टिनेंट बल के घर पहुंचने वाले लोगों उन्हें गांव के बच्चों के लिए "आदर्श" बता रहे हैं और उनकी शहादत पर गर्व कर रहे हैं।
शोक प्रकट करने वालो में से एक संजय सिंह भी थे, जो फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल से प्रेरणा लेकर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की तैयारी कर रहे हैं, वो बल के जाने से विशेष तौर पर आहत नजर आ रहा थे। उन्होंने कहा, "वह हम सभी के लिए आदर्श थे। बचपन से ही उनमें फाइटर पायलट बनने का जुनून था और उन्होंने अपनी मेहनत से उस सपने को पूरा किया।"
इस हादसे के बाद वायुसेना ने फौरी कदम उठाते हुए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश जारी कर दिया है। मिग-21 विमानों का हालिया प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। लंबे समय से भारतीय वायुसेना में तैनात रहे मिग-21 के लगातार दुर्घटना होने के कारण सवालों के घेरे में है।
बीते मार्च में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया था कि पिछले पांच वर्षों में तीनों सेवाओं में हुए विमान और हेलीकॉप्टरों हादसे में 42 रक्षा कर्मियों की मौत हुई। बीते पांच साल में कुल 45 हवाई दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 29 हादसे केवल वायुसेना से संबंधित थे।
इस विमान हादसे के बाद भारतीय वायु सेना ने ऐलान किया कि वो साल 2025 तक मिग-21 विमानों के स्क्वाड्रनों को चरणबद्ध करने के लिए तीन साल की समय-सीमा के भीतर सेवा से बाहर कर देगा। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)