Kerala Flood: इन वजहों से केरल में बाढ़ और तबाही का ऐसा खौफनाक मंजर, सिर्फ बारिश जिम्मेदार नहीं!
By आदित्य द्विवेदी | Published: August 19, 2018 01:28 PM2018-08-19T13:28:42+5:302018-08-19T14:57:58+5:30
साल 2013 के मॉनसून में भी भीषण बारिश हुई थी लेकिन उस वक्त जनजीवन ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ था। इसलिए सवाल उठता है कि क्या केरल की आपदा के लिए सिर्फ अत्यधिक बारिश जिम्मेदार है?
तिरुवनंतपुरम, 19 अगस्तः भारत का एक खूबसूरत राज्य (God's own country) केरल बाढ़ की भयानक त्रासदी से गुजर रहा है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक इस आपदा में शनिवार तक 357 लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग प्रभावित हैं। इस बीच राज्य में ऑक्सीजन की कमी और ईंधन स्टेशनों में ईंधन नहीं होने के कारण संकट और गहरा हो गया। माना जा रहा है कि पिछले 100 साल में राज्य की यह सबसे भीषण बाढ़ है। साल 2013 के मॉनसून में भी भीषण बारिश हुई थी लेकिन उस वक्त जनजीवन ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ था। इसलिए सवाल उठता है कि क्या केरल की आपदा के लिए सिर्फ अत्यधिक बारिश जिम्मेदार है?
- केरल में जून में ही मॉनसून आ गया था और पिछले ढाई महीने में राज्य में सामान्य से 37 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश रिकॉर्ड की गई है।
- साउथ वेस्ट मॉनसून (जून से सितंबर) में नॉर्थ केरल में भारी बारिश हुई। वहीं नॉर्थ ईस्ट मॉनसून (अक्टूबर से दिसंबर) में साउथ केरल में भारी बारिश हुई।
- भारी बारिश की वजह से सभी बांध पूरी तरह भर गए हैं। इसमें 58 बांध केएसईबी और 22 बांध जल स्रोत विभाग संभालता है।
- इन सभी बांधों पर दबाव कम करने के लिए सभी गेट खोल दिए गए हैं। पहले से ही बाढ़ से जूझ रहा केरल बांध खुलने की वजह से और डूब गया है।
- केरल के इडुक्की डैम से पिछले चार दिनों में 10-15 लाख लीटर प्रति सेकेंड की दर से पानी छोड़ा जा रहा है।
- 2013 में भी केरल में सामान्य से 34 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई थी लेकिन जनजीवन प्रभावित नहीं हुआ क्योंकि उस वक्त डैम पूरी तरह भरे नहीं थे।
राज्य में बारिश के प्रकोप के चलते करीब 3.53 लाख लोग बेघर हो गए हैं जो 3,026 राहत शिविरों में रह रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि 40,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं। उन्होंने बताया कि 1,000 से ज्यादा घर पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं और करीब 26,000 घर आंशिक तौर पर बर्बाद हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 134 पुल और 16,000 किलोमीटर सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिससे कुल 21,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कोच्चि में कल हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपये और बुरी तरह घायल लोगों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी।