Coronavirus: रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, दिया ऋण खातों के पुनर्निर्धारण सुझाव

By भाषा | Updated: April 10, 2020 06:35 IST2020-04-10T06:35:20+5:302020-04-10T06:35:20+5:30

मराठे ने पत्र में कहा, ‘‘यह एक असाधारण समय है और इसमें असाधारण कदम उठाए जाने की जरूरत है।’’ मराठे ने कहा कि सिर्फ नकदी डालने, ब्याज दरों को घटाने, विशेष इकाई- सिडबी के जरिये गारंटी उपलब्ध कराने या चूक के नियमों में ढील देने से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था को कोई मदद नहीं मिलने वाली।

RBI director Satish Marathe gives Suggestion of reset of loan accounts in letter to PM Modi | Coronavirus: रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, दिया ऋण खातों के पुनर्निर्धारण सुझाव

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsभारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सभी बैंकों को ऋण खातों का पुनर्निर्धारण करने को कहा जाना चाहिये। मराठे ने कहा कि ऋण खातों के पुनर्निर्धारण से उद्योग विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) क्षेत्र को कोरोना वायरस संकट से निपटने में मदद मिलेगी।

भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सभी बैंकों को ऋण खातों का पुनर्निर्धारण करने को कहा जाना चाहिये। मराठे ने कहा कि ऋण खातों के पुनर्निर्धारण से उद्योग विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) क्षेत्र को कोरोना वायरस संकट से निपटने में मदद मिलेगी।

मराठे ने पत्र में कहा, ‘‘यह एक असाधारण समय है और इसमें असाधारण कदम उठाए जाने की जरूरत है।’’ मराठे ने कहा कि सिर्फ नकदी डालने, ब्याज दरों को घटाने, विशेष इकाई- सिडबी के जरिये गारंटी उपलब्ध कराने या चूक के नियमों में ढील देने से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था को कोई मदद नहीं मिलने वाली।

उन्होंने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए हमारे बैंकिंग क्षेत्र का सक्रिय योगदान अत्यंत जरूरी है। यदि लॉकडाउन और सुस्ती की वजह से अग्रिम खातों को गैर- निष्पादित आस्तियों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, तो ऐसे खातों के फिर दुरुस्त होने की संभावना काफी कमजोर हो जाएगी क्योंकि बैक अधिकारी भविष्य की केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच को लेकर आशंकित रहेंगे।

मराठे ने कहा कि यदि ऋण खातों को एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, तो बैंकों पर इसका प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव पड़ेगा। इससे अंतत: सरकार को बैंकों में अतिरिक्त पूंजी डालने की जरूरत पड़ेगी।

मराठे ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि बैंको को सभी ऋण खातों की जहां जरूरत है, पुनर्निर्धारण की अनुमति दी जाए, और उसे ‘डाउनग्रेड’ नहीं किया जाए। मराठे ने कहा कि बंदी और सुस्ती से हमारे विनिर्माण क्षेत्र का परिचालन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है। इनमें लघु, मझोली और बड़ी इकाइयां शामिल हैं। इससे हमारी आपूर्ति श्रृंखला और लघु एवं खुदरा कारोबार प्रभावित हुआ है। साथ ही असंगठित क्षेत्र की लाखों इकाइयों भी कामकाज पूरी तरह बंद हो चुका है।

Web Title: RBI director Satish Marathe gives Suggestion of reset of loan accounts in letter to PM Modi

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