रामविलास पासवान का ट्वीट, मैंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में, सपा-बसपा गठबंधन चुनावों के बाद टूट जाएगा

By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 3, 2019 20:41 IST2019-06-03T20:41:14+5:302019-06-03T20:41:14+5:30

रामविलास पासवान ने ट्वीट करते हुए सपा-बसपा गठबंधन पर चुटकी ली और कहा कि लोकसभा चुनाव के दरमियान मैंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में, सपा-बसपा गठबंधन चुनावों के बाद टूट जाएगा, आज मैं फिर कहता हूं कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन समाप्त हो जाएगा।

Ram Vilas Paswan attack bsp chief mayawati Gathbandhan Over? Mayawati Says BSP Will Fight Bypolls Alone, Say Sources. | रामविलास पासवान का ट्वीट, मैंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में, सपा-बसपा गठबंधन चुनावों के बाद टूट जाएगा

सपा-बसपा गठबंधन पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट किया।

Highlightsलोकसभा चुनाव में बसपा को जिन सीटों पर कामयाबी मिली उसमें सिर्फ पार्टी के परंपरागत वोटबैंक का ही योगदान रहा।बसपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज और पिछड़े वर्गों को चुनाव में एकजुट करने के लिये इन समितियों का गठन किया था।

सपा-बसपा गठबंधन पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट किया है कि लोकसभा चुनाव के दरमियान मैंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में, सपा-बसपा गठबंधन चुनावों के बाद टूट जाएगा, आज मैं फिर कहता हूँ कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन समाप्त हो जाएगा।

लोकसभा चुनाव के 12वें दिन दोनों दल में दरार पैदा हुई है। बसपा की अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन से पार्टी को कोई लाभ नहीं होने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए भविष्य में अपने बलबूते चुनाव लड़ने की बात कह कर उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिये हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती के लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पार्टी नेताओं के साथ बैठक के दौरान समाजवादी पार्टी के साथ 5 महीने पुराने गठबंधन की समीक्षा करने की बात कहे जाने के बाद अब इस राजनीतिक गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन से चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं। मायावती ने दावा किया कि यादव वोट ट्रांसफर नहीं हो पाया है। इसलिए अब गठबंधन की समीक्षा की जाएगी। 

इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने यहां तक कह दिया कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव अपनी पत्नी और भाई को भी चुनाव नहीं जिता पाए। सूत्रों के मुताबिक, मायावती के इस रुख के बाद सपा-बसपा गठबंधन टूट की कगार पर नजर आ रहा है। यूपी के सभी बसपा सांसदों और जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में मायावती ने कहा कि बसपा विधानसभा के सभी उपचुनाव में लड़ेगी और अब 50 फीसदी वोट का लक्ष्य लेकर राजनीति करनी है।



 

बसपा अब अपने बलबूते लड़ेगी चुनाव, सपा से गठबंधन का भविष्य सवालों के घेरे में

बसपा की अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन से पार्टी को कोई लाभ नहीं होने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए भविष्य में अपने बलबूते चुनाव लड़ने की बात कह कर उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिये हैं।

लोकसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा के लिये सोमवार को उत्तर प्रदेश के पार्टी पदाधिकारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की बैठक में मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुछ विधानसभा सीटों पर संभावित उपचुनाव बसपा अपने बलबूते लड़ेगी। सूत्रों के अनुसार उन्होंने इसके लिये बसपा का संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने की जरूरत पर बल देते हुये पार्टी पदाधिकारियों को उपचुनाव की तैयारियां तेज करने को कहा है।

उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के नौ और सपा बसपा के एक एक विधायक के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्य की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। बसपा, हालांकि अब तक उपचुनाव नहीं लड़ती थी। इसके मद्देनजर मायावती का यह निर्देश अहम माना जा रहा है।

लोकसभा चुनाव में बसपा को 10 और सपा को महज पांच सीट मिल सकी। सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में बसपा एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। सूत्रों के अनुसार मायावती ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन की सहयोगी, सपा का वोटबैंक बसपा के पक्ष में स्थानांतरित नहीं होने की दलील देते हुये पार्टी पदाधिकारियों को कहा कि पार्टी अब ‘गठबंधनों’ पर निर्भर रहने के बजाय अपना संगठन मजबूत कर अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी।

शिवपाल सिंह यादव की वजह से भी गठबंधन को चुनाव में नुकसान होने की बात कही

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बसपा को जिन सीटों पर कामयाबी मिली उसमें सिर्फ पार्टी के परंपरागत वोटबैंक का ही योगदान रहा। समझा जाता है कि मायावती ने सपा से अलग हुये प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की वजह से भी गठबंधन को चुनाव में नुकसान होने की बात कही।

उन्होंने कहा कि शिवपाल के अलग चुनाव लड़ने के कारण सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पारिवार के सदस्य भी चुनाव हार गये। उन्होंने माना कि चुनाव में पारिवारिक कलह का नुकसान गठबंधन को उठाना पड़ा। सूत्रों के अनुसार दिल्ली स्थित बसपा कार्यालय में हुई बैठक में पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष आर एस कुशवाहा, राज्य में पार्टी के सभी विधायक, नवनिर्वाचित सांसद, प्रदेश के सभी जोनल कोऑर्डिनेटर के अलावा सभी जिला अध्यक्षों को भी बुलाया गया था।

समीक्षा बैठक में मायावती ने लोकसभा चुनाव के दौरान सपा बसपा गठबंधन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने के लिये गठित की गयी भाईचारा समितियों का विस्तार प्रत्येक जिले में करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि बसपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज और पिछड़े वर्गों को चुनाव में एकजुट करने के लिये इन समितियों का गठन किया था।

उन्होंने भाईचारा समितियों को 2007 से पहले की तर्ज पर नये सिरे से सभी जातियों खासकर पिछड़े वर्गों को पार्टी से जोड़ने का निर्देश दिया। बसपा प्रमुख ने मंडल स्तर पर कुछ बसपा कोऑर्डीनेटरों की जिम्मेदारियों में भी फेरबदल किया है। बैठक में शामिल पार्टी के एक नेता ने बताया कि बसपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कुशवाहा को मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है।

ज्ञात हो कि चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन से नाराज मायावती ने शनिवार की बैठक में दो राज्यों, मध्य प्रदेश और दिल्ली के बसपा अध्यक्षों सहित छह राज्यों के पार्टी प्रभारियों को पद से हटा दिया था। इनमें कुशवाहा भी शामिल थे। उन्हें उत्तराखंड के प्रभारी पद से हटा कर मायावती ने एम एल तोमर को राज्य का नया प्रभारी बनाया था। 

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