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शिया वक्फ बोर्ड प्रमुख ने फिर किया अयोध्या में राम मंदिर बनाने का समर्थन, कहा- जो विरोध में हैं वो पाकिस्तान जाएँ

By पल्लवी कुमारी | Updated: February 3, 2018 12:34 IST

वसीम रिजवी ने कहा, 'जो लोग मस्जिद के नाम पर जिहाद करना चाहते हैं। उन्हें आईएसआईएस प्रमुख अबू बकर बगदारी के साथ चला जाना चाहिए।' राम जन्म भूमि/बाबरी मस्जिद मामले में 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है।

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उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक बार फिर अयोध्या में राम मंदिर की वकालत की है। उन्होंने कहा है कि जो मुस्लिम इसका विरोध कर रहे हैं उन्हें भारत में रहने का कोई हक नहीं है, वह पाकिस्तान या फिर बांग्लादेश जा सकते हैं। अयोध्या के उस जमीन पर मुस्लिम का कॉपीराइट नहीं है। शुक्रवार (दो फरवरी) को यूपी होमगार्ड के डीजी सूर्य कुमार का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वो कुछ अन्य लोगों के साथ जल्द से जल्द अयोध्या में राम मंदिर बनाने की सौगंध खा रहे थे।

कट्टर मानसिकता वाले मुस्लिम भारत में ना रहे

शुक्रवार को वसीम रिजवी ने अयोध्या में विवादित जमीन के पास नमाज पढ़े और राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास से मुलाकात की थी। तभी उन्होंने इस इस बात को बोला था। वसीम रिजवी ने कहा, 'जो लोग अयोध्या में राम मंदिर बनाने का विरोध कर रहे हैं और बाबरी मस्जिद चाहते हैं, ऐसे कट्टर मानसिकता वाले मुस्लिम लोगों को पाकिस्तान या बांग्लादेश जाना चाहिए। ऐसे मुसलमानों के लिए भारत में कोई स्थान नहीं है।' 

यह भी पढ़ें- UP: डीजी सूर्य कुमार ने ली जल्द अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण करवाने की शपथ 

उन्होंने आगे कहा कि, 'जो लोग मस्जिद के नाम पर जिहाद करना चाहते हैं। उन्हें आईएसआईएस प्रमुख अबू बकर बगदारी के साथ चला जाना चाहिए।'

वसीम रिजवी  सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप गिरफ्तार करना चाहिए

वसीम रिजवी के इस बयान पर शिया उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष इफ्तेखार हुसैन इंक्विलाबी काफी भड़क गए हैं। उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी को सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल में डाल देना चाहिए। रिजवी एक अपराधी हैं। उन्होंने वक्फ की संपत्तियां अवैध तरीके से बेची है। उन्होंने कहा, 'सीबी-सीआईडी ने रिजवी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है। कानूनी पंजे से छुटकारा पाने के लिए वह बड़ा ड्रामा कर रहे हैं।'

राम जन्म भूमि/बाबरी मस्जिद मामले में 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

बता दें कि यह मामला फिर से इसलिए तूल पकड़ता जा रहा है क्योंकि राम जन्म भूमि/बाबरी मस्जिद मामले में 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। इस मामले पर जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की तीन जजों वाली पीठ  सुनवाई कर रही है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने की सुनवाई को 2019 तक टालने की अपील की है साथ ही मांग की है कि 7 बेंच वाली पीठ इस मामले की सुनवाई करे। वहीं उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट के पहले के निर्देशों के मुताबिक,  उन कागजातों की अंग्रेजी कॉपी पेश कर दी है, जिन्हें वो अपनी दलीलों का आधार बना सकती है। ये दस्तावेज आठ भाषाओं में हैं।

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