देश में 6.20 लाख यौन अपराधी, पोक्सो संशोधन विधेयक पारित, बाल यौन अपराध में मृत्युदंड का प्रावधान

By भाषा | Updated: July 24, 2019 19:19 IST2019-07-24T19:19:37+5:302019-07-24T19:19:37+5:30

उच्च सदन में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराध और बलात्कार के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए केन्द्र सरकार ने 1023 विशेष फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करने को मंजूरी दी है।

Rajya Sabha passes The Protection of Children from Sexual Offences (Amendment) Bill, 2019. | देश में 6.20 लाख यौन अपराधी, पोक्सो संशोधन विधेयक पारित, बाल यौन अपराध में मृत्युदंड का प्रावधान

ईरानी ने कहा कि उन्होंने बच्चों के खिलाफ अपराध के लंबित मामलों में उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार के साथ बैठक की थी।

Highlightsमहिला एवं बाल विकास मंत्री के जवाब के बाद उच्च सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।ईरानी ने कहा कि 1023 विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन के लिए कुल 767 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा।

राज्यसभा ने बुधवार को पोक्सो संशोधन विधेयक पारित कर दिया, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी को परिभाषित करते हुए बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में मृत्यु दंड का भी प्रावधान किया गया है।

उच्च सदन में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराध और बलात्कार के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए केन्द्र सरकार ने 1023 विशेष फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करने को मंजूरी दी है।

उन्होंने कहा कि अभी तक 18 राज्यों ने ऐसी अदालतों की स्थापना के लिए सहमति जतायी है। महिला एवं बाल विकास मंत्री के जवाब के बाद उच्च सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले ईरानी ने कहा कि 1023 विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन के लिए कुल 767 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसमें से केन्द्र 474 करोड़ का योगदान देगा। ईरानी ने कहा कि सरकार अपनी विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से इस बात को प्रोत्साहन दे रही है कि बच्चे अपने विरुद्ध होने वाले यौन अपराधों के बारे में निडर होकर शिकायत कर सकें और अपने अभिभावकों को बता सकें।

उन्होंने कहा कि प्राय: देखने में आता है कि बच्चियों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों की शिकायत तो की जाती है किंतु लड़कों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों में शिकायत नहीं की जाती। उन्होंने इस विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन द्वारा उनके साथ 12 वर्ष की आयु में हुए यौन अपराध की एक घटना का जिक्र किये जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि इस बात को उन्होंने अब 58 वर्ष की आयु में सार्वजनिक तौर पर कहा है।

उन्होंने कहा कि समाज में अब पुरुषों को भी इस तरह की घटनाओं का उल्लेख करने में संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को परिभाषित किया गया है ताकि ऐसे अपराधों को रोकने में मदद मिल सके।

महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ने कहा कि मौजूदा विधेयक में बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों में 20 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा तथा ‘‘दुर्लभतम मामलों’’ में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। ईरानी ने कहा कि उन्होंने बच्चों के खिलाफ अपराध के लंबित मामलों में उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार के साथ बैठक की थी।

उन्होंने कहा कि इमसें सभी राज्यों से सीनियर नोडल पुलिस अधिकारी नियुक्त करने को कहा गया था। सभी राज्यों में ऐसे अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मूल कानून के अनुसार, बाल यौन अपराधों की प्राथमिकी दर्ज होने के दो माह के भीतर जांच पूरी करने और एक वर्ष के भीतर मुकदमा पूरा करने का प्रावधान है।

ईरानी ने कहा कि सरकार ने यौन अपराधों का एक राष्ट्रीय डाटा बेस तैयार किया है। ऐसे 6,20,000 अपराधी हैं। यदि कोई ऐसे व्यक्तियों को रोजगार पर रखता है तो संबंधित व्यक्ति के बारे में इससे जानकारी लेने में मदद मिलेगी। 

Web Title: Rajya Sabha passes The Protection of Children from Sexual Offences (Amendment) Bill, 2019.

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