जनसंख्या नियंत्रण कानून के समर्थन में उतरे कांग्रेस नेता विवेक तंखा, कहा- देश हित के लिए जरूरी है ये कानून
By मुकेश मिश्रा | Published: July 17, 2021 05:57 PM2021-07-17T17:57:51+5:302021-07-17T18:09:36+5:30
राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस नेता विवेक तंखा ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को देश हित में बताया है। साथ ही तंखा ने कहा कि मैं इस कानून का समर्थक हूं।
राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस नेता विवेक तंखा ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को देश हित में बताया है। साथ ही तंखा ने कहा कि मैं इस कानून का समर्थक हूं। यह देश हित के लिए जरूरी है। यदि हमने जनसंख्या नियंत्रण नहीं किया तो न तो सभी को रोजगार मिल पाएगा और न देश तरक्की कर पाएगा। हर साल हम एक ऑस्ट्रेलिया जितनी आबादी बढा लेते हैं। उन्होंने कहा कि मैं इसके राजनीतिकरण का विरोधी हूं।
शनिवार को तंखा शहर में आयोजित कार्यक्रमों मे शामिल होने आए थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होनें कहा कि संजय गांधी इमरजेंसी के इस कानून को लेकर आए थे। कार्यक्रम अच्छा था, लेकिन समय सही नहीं था और तरीका भी सही नहीं था क्योंकि आपने दबाव बनाया। यही कारण रहा कि कांग्रेस को चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा। अब भाजपा इसे लेकर आ रही हैं। वह वोट की राजनीति है। यह देश का प्रोग्राम है। सभी पार्टी को बुलाकर इस पर बात की जानी चाहिए। देश जनसंख्या के कारण ही कई दशक पीछे चला गया। इस राष्ट्रीय मिशन को पार्टी के वोट इश्यू से ऊपर रखें, नहीं तो राष्ट्र फिर पिछड़ जाएगा।
कमलनाथ योग्य और अनुभवी नेता
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को राष्ट्रीय स्तर पर दी जाने वाली जिम्मेदारियों की खबर पर उन्होंने कहा कि वे एक काबिल नेता हैं। वरिष्ठ भी हैं और उनका राजनीतिक अनुभव भी ज्यादा है। उनकी अपनी व्यवस्थाएं भी है। यदि पार्टी उन्हें जिम्मेदारी सौंपती है तो इससे अच्छी बात कुछ नहीं होगी। बता दें कि हाल ही में कमलनाथ ने सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्हें कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर चर्चा तेज
हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण कानून ने एक नई बहस छेड़ दी है। कई नेताओं ने जनसंख्या नियंत्रण की बात कही है। खासतौर पर एनडीए के शासन वाले राज्यों में इस तरह के कानूनों को लागू किया जा सकता है। बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग तेज हो गई है।