जम्मू-कश्मीर पर केंद्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया था। इसके बाद राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया है। बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े हैं। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट कर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा पर निशाना साधा है।
पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कहा, विवेक तन्खा द्वारा ने एक साधारण प्रश्न पूछा, 'जो शायद राज्यसभा में एकमात्र कश्मीरी पंडित सांसद हैं - ' अनुच्छेद 370 रातों-रात खत्म होने के बाद क्या कोई भी कश्मीरी पंडित अब घर अपने बिना रोक-टोक लौट सकता है? blockquote class="twitter-tweet">
A question posed by Vivek Tankha, perhaps the only Kashmiri Pandit MP in the Rajya Sabha. Asks a simple question: can any Kashmiri Pandit return home now that Article 370 is scrapped overnight without consulting any of the affected groups and keeping a state under curfew?
विवेक तन्खा भारत के सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में मध्य प्रदेश से राज्य सभा सांसद हैं।
सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने संबंधी अनुच्छेद 370 समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों.... जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का फैसला किया है। जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र की अपनी विधायिका होगी जबकि लद्दाख बिना विधायिका वाला केंद्रशासित क्षेत्र होगा । राज्यसभा ने इन मकसद वाले दो सरकारी संकल्पों, जम्मू कश्मीर आरक्षण (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2019 तथा जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
कश्मीर में धारा 144 लागू है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, सज्जाद गनी गिरफ्तार किया गया है।