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160 किलोग्राम वजनी जवान की मौत, एक्शन में बीएसएफ, फिट डिक्लेयर करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई का आदेश

By भाषा | Updated: August 6, 2020 19:32 IST

राजस्थान के जोधपुर स्थित बीएसएफ के एक प्रशिक्षण केंद्र में 17 जुलाई की शाम चक्कर आने के बाद 45 वर्षीय कॉन्स्टेबल विनोद सिंह की अपनी बैरक के पास मौत हो गई थी। बीएसएफ के महानिदेशक एस एस देसवाल ने घटना की तत्काल जांच का आदेश दिया था।

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ठळक मुद्दे 160 किलोग्राम वजनी एक जवान को शारीरिक फिटेनस पाठ्यक्रम के लिए फिट घोषित किया था जिसके दौरान उसकी मौत हो गई। प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद बल के एक डॉक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दे दिया गया है। ‘‘जवान का वजन 160 किलोग्राम था और 52.98 बीएमआई के साथ वह निम्न चिकित्सकीय श्रेणी का व्यक्ति था।’’

नई दिल्लीः सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपने उस डॉक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया है जिसने 160 किलोग्राम वजनी एक जवान को शारीरिक फिटेनस पाठ्यक्रम के लिए फिट घोषित किया था जिसके दौरान उसकी मौत हो गई।

राजस्थान के जोधपुर स्थित बीएसएफ के एक प्रशिक्षण केंद्र में 17 जुलाई की शाम चक्कर आने के बाद 45 वर्षीय कॉन्स्टेबल विनोद सिंह की अपनी बैरक के पास मौत हो गई थी। बीएसएफ के महानिदेशक एस एस देसवाल ने घटना की तत्काल जांच का आदेश दिया था।

इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘जोधपुर में एक प्रशिक्षण केंद्र में एक जवान की मौत के मामले में हाल में प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद बल के एक डॉक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दे दिया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जवाबदेही तय करने के लिए आगे की प्रक्रिया जारी है।’’

बीएसएफ ने पूर्व में कहा था, ‘‘जवान का वजन 160 किलोग्राम था और 52.98 बीएमआई के साथ वह निम्न चिकित्सकीय श्रेणी का व्यक्ति था।’’ इसने कहा था, ‘‘हालांकि, यह पाया गया है कि संबंधित कॉन्स्टेबल को फिटनेस पाठ्यक्रम के लिए फिट घोषित किया गया था। यह पता करने के लिए जांच का आदेश दे दिया गया है कि किन परिस्थितियों में जवान को फिट घोषित किया गया था।’’

सिंह बल की 114वीं बटालियन में था और वह जोधपुर स्थित प्रशिक्षण केंद्र में 15 जुलाई को शारीरिक फिटनेस पाठ्यक्रम में शामिल हुआ था। फिटनेस पाठ्यक्रमों की शुरुआत महानिदेशक देसवाल ने की है और कहा है कि बल में सभी मोटे कर्मियों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें शारीरिक प्रशिक्षण के लिए भेजा जाना चाहिए। 

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