Rajasthan Congress Crisis: 100 विधायक एक तरफ और 10-15 एमएलए दूसरी ओर, खाचरियावास ने कहा-लोकतंत्र संख्या बल से चलता, जिसके साथ होंगे, नेता वही...
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 25, 2022 11:17 PM2022-09-25T23:17:40+5:302022-09-25T23:19:00+5:30
जयपुर में कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि 100 से अधिक विधायक एक तरफ हैं और 10-15 विधायक एक तरफ हैं। 10-15 विधायकों की बात सुनी जाएगी और बाकी की नहीं।
जयपुरः राजस्थान में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। कांग्रेस में संकट की स्थिति हो गई है। विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने जयपुर में कहा कि सभी विधायक गुस्से में हैं और इस्तीफा दे रहे हैं। हम इसके लिए अध्यक्ष के पास जा रहे हैं। विधायक इस बात से खफा हैं कि CM अशोक गहलोत उनसे सलाह लिए बिना फैसला कैसे ले सकते हैं।
जयपुर में कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि 100 से अधिक विधायक एक तरफ हैं और 10-15 विधायक एक तरफ हैं। 10-15 विधायकों की बात सुनी जाएगी और बाकी की नहीं। पार्टी हमारी नहीं सुनती, अपने आप फैसले हो जाते हैं। सरकार नहीं गिरी है। हमारे परिवार के मुखिया(अशोक गहलोत) हमारी बात सुनेंगे तो नाराजगी दूर हो जाएगी।
#RajasthanCongressCrisis | Jaipur: State ministers Pratap Singh Khachariyawas and Shanti Dhariwal are meeting AICC observers Ajay Maken and Mallikarjun Kharge at CM Ashok Gehlot's residence pic.twitter.com/ZShrGEg0KQ
— ANI (@ANI) September 25, 2022
लोकतंत्र संख्या बल से चलता है। राजस्थान के विधायक जिसके साथ होंगे, नेता वही होगा। कांग्रेस नेता और विधायक राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के निवास पहुंचे हैं। खाचरियावास ने रविवार रात कहा कि राज्य के विधायक जिसके साथ होंगे वही प्रदेश का नेता (मुख्यमंत्री) होगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य की कांग्रेस सरकार को गिराना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायकों के पार्टी के विधायक दल की बैठक में शामिल न होकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के आवास पहुंचने को आलाकमान के प्रति विद्रोह के रूप में नहीं देखा जाए बल्कि यह ‘हमारे परिवार की बात है।’
We aren't going to Delhi at the moment, we have been instructed by Congress interim president Sonia Gandhi to conduct one-to-one talks with Rajasthan Congress MLAs. We'll meet them tonight: Congress leader Ajay Maken to ANI
— ANI (@ANI) September 25, 2022
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संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के साथ डॉ. जोशी के घर पहुंचे खाचरियावास ने कहा, ‘‘(धारीवाल के घर अशोक गहलोत समर्थक) विधायकों ने कहा कि भाजपा का षड्यंत्र कामयाब नहीं होने देंगे। भाजपा के लोग पिछले चार साल से सरकार अस्थिर करने का प्रयास करने में लगे हैं। भाजपा राजस्थान की सरकार को गिराना चाहती है।’’
पार्टी के विधायकों के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर बुलायी गयी विधायक दल की बैठक में न जाकर विधानसभा अध्यक्ष के आवास पहुंचने पर उन्होंने कहा, ‘‘इसे आलाकमान के प्रति विद्रोह के रूप में नहीं देखा जाए। यह हमारे परिवार की बात है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विधायक (आलाकमान द्वारा) अपनी बात नहीं सुने जाने से नाराज होकर इस्तीफा देने आए हैं।
हमारे परिवार के मुखिया (आलाकमान) जब बात सुनेंगे तो नाराजगी दूर हो जाएगी।’’ राज्य के अगले मुख्यमंत्री के बारे में खाचरियावास ने कहा, ‘‘अभी तो गहलोत ही मुख्यमंत्री हैं। लोकतंत्र में चुनाव में फैसला वोट की गिनती से होता है। लोकतंत्र संख्या बल से चलता है।
राजस्थान के विधायक जिसके साथ होंगे वही नेता होगा... लगभग सौ से अधिक विधायक एक तरफ हैं। 10-15 विधायक एक तरफ हैं ...तो बात किसकी सुनी जाएगी?’’ गौरतलब है कि राजस्थान में यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब मुख्यमंत्री गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अगले महीने होने वाले चुनाव में उतरने की घोषणा कर चुके हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद राज्य में मुख्यमंत्री बदला जा सकता है। इसे लेकर रविवार रात को मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। बैठक के लिए दिल्ली से आए पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे।
MLAs close to CM Gehlot threaten to resign
— ANI Digital (@ani_digital) September 25, 2022
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पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कुछ विधायक भी मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे। लेकिन गहलोत समर्थक विधायक संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के घर इकट्ठा हुए और फिर वहां से एक बस तथा अन्य वाहनों में सवार होकर डॉ. जोशी के घर पहुंचे। राजस्थान में नाटकीय घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायक अपने इस्तीफे सौंपने के लिए रविवार रात विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी के निवास पहुंच गये। विधायक दल की बैठक में गहलोत का उत्तराधिकारी चुनने की संभावनाओं के बीच यह घटनाक्रम हुआ है।
इस स्थिति से मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष गहराने का संकेत मिल रहा है। गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे, इसलिए उनका उत्तराधिकारी चुने जाने की संभावना है। गहलोत के वफादार विधायकों में से एक ने दावा किया कि निर्दलीय सहित 80 से अधिक विधायक बस से विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी के निवास पहुंच गए हैं और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप देंगे। हालांकि, विधायकों की संख्या की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है। राज्य की 200-सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 108 सदस्य हैं।
Rajasthan | 10-15 MLAs are being heard while other MLAs are being neglected. Party doesn't listen to us, decisions are being taken without it: Congress MLA Pratap Singh Khachariyawas in Jaipur pic.twitter.com/kmWSiZnndm
— ANI (@ANI) September 25, 2022
पार्टी को 13 निर्दलीय उम्मीदवारों का भी समर्थन प्राप्त है। इससे पहले, विधायकों के समूह ने मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर एक बैठक की, जिसे सचिन पायलट के अगले मुख्यमंत्री बनने की संभावना को विफल करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। राज्य के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम बस से विधानसभा अध्यक्ष के निवास जा रहे हैं और (उन्हें) अपना इस्तीफा सौंपेंगे।’’
कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन, मुख्यमंत्री गहलोत के साथ उनके निवास पहुंचे, जहां शाम में कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने वाली थी। पायलट भी वहां पहुंचे। गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ विधायकों ने परोक्ष रूप से पायलट का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का उत्तराधिकारी कोई ऐसा होना चाहिए, जिन्होंने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, न कि कोई ऐसा जो इसे गिराने के प्रयास में शामिल था।
पार्टी के एक अन्य नेता गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि गहलोत मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों की भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर गहलोत मुख्यमंत्री नहीं रहते हैं, तो पार्टी को अगला विधानसभा चुनाव जीतने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने कहा कि अगर विधायकों की भावना के अनुरूप निर्णय नहीं होगा तो सरकार गिरने का खतरा पैदा हो जायेगा। दिसंबर 2018 में कांग्रेस के विधानसभा चुनाव जीतने के ठीक बाद मुख्यमंत्री पद के लिए गहलोत और पायलट का टकराव हुआ।
पार्टी आलाकमान ने गहलोत को तीसरी बार मुख्यमंत्री चुना, जबकि पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। जुलाई 2020 में, पायलट ने 18 पार्टी विधायकों के साथ गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। इससे पहले दिन में, गहलोत ने कहा था कि विधायक दल की बैठक के दौरान एक लाइन का प्रस्ताव पारित किये जाने की संभावना है, जिसमें लिखा होगा, कांग्रेस के सभी विधायकों को पार्टी अध्यक्ष के फैसले पर पूरा भरोसा है।
गहलोत ने जैसलमेर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस में शुरू से ही यह परंपरा रही है कि चुनाव के समय या मुख्यमंत्री के चयन के लिए जब भी विधायक दल की बैठक होती है, तो कांग्रेस अध्यक्ष को सभी अधिकार देने के लिए एक लाइन का प्रस्ताव जरूर पारित किया जाता है, मैं समझता हूं कि आज भी यही होगा।’’
मुख्यमंत्री ने जैसलमेर के दौरे के दौरान तनोट माता मंदिर में दर्शन के लिए जाते समय संवाददाताओं से कहा, ‘‘सभी कांग्रेसी एकमत से कांग्रेस अध्यक्ष पर विश्वास रखते हैं और आज भी इसकी एक झलक आपको देखने को मिलेगी। आपको किंतु-परंतु के बारे में नहीं सोचना चाहिए।’’
(इनपुट एजेंसी)