राजस्थान: सीएम अशोक गहलोत ने मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों से की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात, दिए मिशन मोड पर काम करने के निर्देश
By धीरेंद्र जैन | Published: June 16, 2020 09:59 PM2020-06-16T21:59:53+5:302020-06-16T21:59:53+5:30
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संकट के बीच मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों से की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की और कहा कि मिशन मोड पर काम कर जागरूकता अभियान को सफल बनाएं।
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हमारी सरकार ने सभी वर्गों को विश्वास में लेकर ऐसे फैसले किए, जिनसे हम प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित रखने में कामयाब हो सके। यह कामयाबी आगे भी बरकरार रहे और कोरोना से बचाव हो सके इसके लिए जन जागरूकता सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
जागरूकता पैदा करने का बड़ा अभियान प्रदेश में 21 जून से शुरू होने जा रहा है। दस दिन तक विशेष जागरूकता अभियान चलाकर कोरोना से बचाव का संदेश गांव-ढाणी, मोहल्ले तक पहुंचाया जाएगा, ताकि लोग इस बीमारी के खतरे को समझते हुए इससे बचाव के तरीके अपनाएं। लोगों को बार-बार हाथ धोने, दो गज की दूरी बनाए रखने, बिना मास्क बाहर नहीं जाने और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकने जैसी बातों को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाना होगा। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों-कर्मचारियों, सामाजिक संगठनों, ग्रास रूट स्तर के कार्मिकों को मिशन मोड पर काम कर इस अभियान को सफल बनाना होगा।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की समीक्षा
मुख्यमंत्री प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति तथा जागरूकता अभियान को लेकर आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस में राज्य मंत्री परिषद के सदस्यों, विधायकों की उपस्थिति में जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ जिलों में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा तथा जागरूकता अभियान को लेकर चर्चा भी की और कहा कि कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही राज्य सरकार ने कदम उठाते हुए इसे नियंत्रित रखा है। आगे भी लोगों का जीवन बचाने के लिए इतने वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने वाला राजस्थान पहला राज्य है।
संकट की इस घड़ी में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को किया मजबूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने संकट की इस घड़ी का उपयोग प्रदेश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में किया है। इसी का परिणाम है कि इस बीमारी की शुरुआत के समय जहां हमारे पास जांच की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी, वहां आज हमने अन्य पड़ोसी राज्यों को 5 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने जैसी पेशकश की है। रूथलैस कंटेनमेंट, घर-घर स्क्रीनिंग, टेस्टिंग तथा गैर कोरोना बीमारियों के इलाज व 550 मोबाईल ओपीडी सेवाओं, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण आदि की व्यापक सराहना की गई है।
ली जा रही हैं नुक्कड़ नाटक, लोक गीत, कठपुतली की सेवाएं
सीएम ने कहा कि जागरूकता अभियान में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करते हुए नुक्कड़ नाटक, लोक गीत, कठपुतली आदि के जरिए जीविकोपार्जन करने वाले लोक कलाकारों की भी सेवाएं ली जाएं। इससे उन्हें जहां एक ओर आर्थिक संबल मिल सकेगा साथ ही हम निचले स्तर तक स्थानीय बोली में कोरोना से बचाव और इसके खतरों की जानकारी पहुंचाने में उनकी मदद ले पाएंगे।
50 लाख से अधिक श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार
मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आज प्रदेश में 50 लाख से अधिक श्रमिकों को मनरेगा कार्यों के जरिए रोजगार मिल पा रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि मनरेगा के कामों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सुनिश्चित की जाए। साथ ही भीषण गर्मी को देखते हुए उन्हें अपना टास्क पूरा कर 11 बजे या उससे पहले भी जाने की अनुमति दी जाए।
राजस्थान के 17 जिलों में टेस्टिंग की सुविधा विकसित
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में फिलहाल 17 जिलों में कोरोना की टेस्टिंग सुविधा विकसित कर ली गई है। आने वाले समय में हम सभी जिलों में जांच करने के लक्ष्य को हासिल करेंगे। साथ ही प्रतिदिन 40 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने का भी लक्ष्य हमने निर्धारित किया है।
कला एवं संस्कृति मंत्री बी.डी. कल्ला ने कहा कि लोक कलाकारों की भी जागरूकता अभियान में सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। शिक्षा राज्य मंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि अभियान में विभाग के स्तर पर भी पूरा सहयोग किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में कोरोना को लेकर जागरूकता फैलाएंगी।