राजस्थानः आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नागरिकों को हर वर्ष नहीं बनवाना पड़ेगा आय और संपत्ति का प्रमाणपत्र, अशोक गहलोत सरकार ने दी राहत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 7, 2022 03:40 PM2022-05-07T15:40:55+5:302022-05-07T15:42:00+5:30
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के नागरिकों के हित को ध्यान में रखते हुए यह महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
जयपुरः राजस्थान सरकार ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नागरिकों को हर वर्ष नया आय और संपत्ति (इनकम एण्ड एसेट) प्रमाणपत्र बनवाने की अनिवार्यता से छूट दी है।
इस संबंध में राज्य सरकार न एक परिपत्र जारी किया है, जिसके अनुसार एक बार आय एवं संपत्ति प्रमाणपत्र जारी होने के बाद आगामी वर्ष में निर्धारित मापदण्डों को पूरा करने पर केवल सत्यापित शपथ पत्र देना होगा। यह सुविधा अधिकतम तीन साल के लिए दी गई है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के नागरिकों के हित को ध्यान में रखते हुए यह महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया, ‘‘जारी किए जाने के बाद आय एवं संपत्ति प्रमाणपत्र एक साल तक वैध होगा।
उसके बाद अगर उक्त व्यक्ति अगले वर्ष भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के निर्धारित मापदंडों के अनुसार पात्र है तो उसके द्वारा सत्यापित शपथ पत्र के आधार पर पुराने प्रमाणपत्र को स्वीकार कर लिया जाएगा। ऐसा अधिकतम तीन साल के लिए किया जा सकता है।’’ उन्होंने बताया कि पूर्व में जारी परिपत्रों के प्रावधानों के अनुसार, प्रणानमंत्री एक साल के लिए मान्य होता था और व्यक्ति को हर साल नया प्रमाणपत्र बनवाना होता था।