लॉकडाउन में रास्ता नहीं भटक रहीं ट्रेनें, भारतीय रेलवे ने बताया रूट पर बहुत ज्यादा दबाव होने की वजह से किया जा रहा है ऐसा
By संतोष ठाकुर | Published: May 26, 2020 06:59 AM2020-05-26T06:59:56+5:302020-05-26T06:59:56+5:30
रेलवे द्वारा किया जा रहा है रूट बदलाव पहली बार तब देखने को मिला 21 मई को रवाना हुई वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार यात्री ओडिशा के राउरकेला पहुंचे थे गए, तो ट्रेने में बैठे लोगों को आशंका हुई कि कहीं ड्राइवर रास्ता तो नहीं भटक गया है. हालांकि, उन्हें बाद में पता चला कि यह ड्राइवर की गलती नहीं, बल्कि रेलवे की ओर से रूट परिवर्तन का नतीजा है.
नई दिल्ली: ''जाना था जापान पहुंच गए चीन समझ गए ना.'' इन दिनों भारतीय रेल की यही हालत है. रेलगाड़ियां चलाई किसी शहर के लिए जाती है और वह पहुंच कहीं और जाती है. रेलगाड़ियों का यह भटकाव करीब चार दिन पहले शुरू हुआ है, जब मुंबई से गोरखपुर के लिए चली गाड़ी उड़ीसा के राउरकेला पहुंच गई. यात्रियों ने जब यह देखा कि उनके गणतव्य स्टेशन की जगह रेलगाड़ी कहीं और आ गई है तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया. इसी तरह 2 दिन पहले मुंबई से ही छपरा के लिए चली ट्रेन जिसका सफर कोई 15 से 17 घंटे का था वह किसी अन्य राज्य में जाकर करीब 35 घंटे बाद छपरा पहुंची.
गुस्साए लोगों ने छपरा स्टेशन पर हंगामा किया और तोड़फोड़ भी की. इसी तरह से सोमवार (25 मार्च) को एक गाड़ी भटक कर नागपुर पहुंच गई. रूट बदलाव की वजह से यात्रियों को खाना और पानी उपलब्ध कराने में दिक्कत आ रही है. जहां व्यवस्था है वहां से ट्रेन गुजर ही नहीं रही.
पल- पल रखी जा रही नजर-रेलवे
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों को यह लगा कि संभवत: चालक ने अपना रास्ता खो दिया है. लेकिन ऐसा नहीं है. हर एक ट्रेन की पल-पल की निगरानी की जा रही है. जिससे कि उन्हें बिना कंजेशन वाले रूट से उनके गणतव्य तक पहुंचाया जा सके .
जानिए क्यों किया जा रहा है बदलाव
उनका कहना है कि रेलवे ट्रैक पर भारी दबाव है. कुछ रेलगाडि़यों को बदले हुए मार्ग से चलाया जा रहा है. अब तक करीब एक दर्जन से अधिक रेलगाडि़यों को इस तरह डायवर्ट रूट से चलाया गया है. बड़ी संख्या में चलाई जा रही श्रमिक एक्सप्रेस : रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस समय महाराष्ट्र गुजरात और पंजाब से बड़ी संख्या में श्रमिक एक्सप्रेस चलाई जा रही है.
एक दिन पहले तक 2813 श्रमिक एक्सप्रेस चलाई गई हैं. इनमें से करीब 60 रेलगाड़ियां महाराष्ट्र , गुजरात और पंजाब से चलाई गई हैं. जबकि श्रिमक ट्रेनों में से कुल 80 गाडि़यां उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए चलाई गई हैं. उत्तर प्रदेश के लिए 1301 और बिहार के लिए 973 रेलगाड़ियां चलाई गई हैं. उत्तर प्रदेश में लखनऊ, उन्नाव, गोरखपुर आदि स्टेशनों के लिए तथा बिहार में पटना तथा उसके आसपास के लिए रेलगाडि़यों को चलाया गया है. इन सभी रेलगाडि़यों का रूट लगभग एक ही है.