नई दिल्लीः कोरोना महामारी और वैक्सीन को लेकर सवालों में घिरी मोदी सरकार की तमाम सफ़ाई के बावजूद विपक्ष का सरकार पर हमला जारी है।
कोरोना प्रबंधन, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन में गाय के बछड़े के सीरम, वैक्सीन की कमी और टीकाकरण नीति को लेकर अदालत से ले कर राजनीतिक दल लगातार सवाल उठा रहे हैं। राहुल गांधी का मानना है कि तथ्यों को झुठलाने से समस्या हल नहीं होगी।
राहुल गांधी ने कहा कि देश के पुनर्निर्माण की शुरुआत तब होगी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी ‘गलतियां’ स्वीकार करेंगे और विशेषज्ञों की मदद लेंगे। उन्होंने एक रिपोर्ट साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यह भारत सरकार के महामारी कुप्रबंधन का परिणाम है। परंतु अब हमें भविष्य की ओर देखना है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमारे देश के पुनर्निर्माण की शुरुआत तब होगी जब प्रधानमंत्री अपनी गलतियां स्वीकार करेंगे और विशेषज्ञों की मदद लेंगे। नकारने की मुद्रा में बने रहने से किसी भी चीज का हल नहीं निकलेगा।’’ राहुल गांधी ने जिस रिपोर्ट को साझा किया उसमें कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में गरीबी बड़े पैमाने पर बढ़ी है और इसमें भारत का सबसे अधिक योगदान है।
जहां एक ओर राहुल प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार पर हमलावर हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस कोरोना की तीसरी लहार के खतरे को भांप कर देश व्यापी सहायता मुहिम शुरू कर रही है। पार्टी का इरादा देश भर 7199 ब्लॉकों ,7935 शहरों और 736 जिलों में डाटा एकत्रित करना है।
ताकि कोरोना के सही प्रभाव की जानकारी मिल सके। 10 -10 पार्टी कार्यकर्ताओं के दल गठित किये जा रहे हैं जो घर घर जा कर कोरोना पीड़ितों को राशन ,कोरोना किट ,मास्क जैसे सामान पहुँचाने का काम करेंगे। इस मुहीम के तहत पार्टी देश भर में 3 करोड़ घरों और 12 करोड़ लोगों को सहायता देने जा रही है।