राहुल गांधी का तंज, छात्र NEET-JEE पर चर्चा चाहते हैं, पीएम मोदी खिलौने पर 'मन की बात' कर गए
By पल्लवी कुमारी | Published: August 30, 2020 03:16 PM2020-08-30T15:16:31+5:302020-08-30T15:16:31+5:30
इंजीनियरिंग के लिये संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) या जेईई (JEE) एक से छह सितंबर के बीच होगी जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-स्नातक) 13 सितंबर को कराने की योजना है।
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज (30 अगस्त) के मन की बात पर तंज किया है। राहुल गांधी ने कहा कि देश के छात्र जेईई (JEE) और नीट (NEET) पर बात करना चाहते हैं तो पीएम नरेंद्र मोदी अपने मन की बात में खिलौने पर चर्चा कर गए। राहुल गांधी ने रविवार (30 अगस्त) को ट्वीट किया, ''JEE-NEET के उम्मीदवार पीएम से 'परीक्षा पर चर्चा' चर्चा चाहते थे, लेकिन पीएम ने 'खिलौने पर चर्चा' की। इसके साथ राहुल गांधी ने एक हैशटैग शेयर किया, मन की नहीं, छात्र की बात। (#Mann_Ki_Nahi_Students_Ki_Baat) राहुल गांधी इससे पहले भी NEET-JEE की परीक्षाओं को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साध चुके हैं।
JEE-NEET aspirants wanted the PM do ‘Pariksha Pe Charcha’ but the PM did ‘Khilone Pe Charcha’.#Mann_Ki_Nahi_Students_Ki_Baat
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 30, 2020
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को लेकर ऐसे वक्त टिप्पणी की है, जब पूरे देश में कोरोना वायरस के संकट के बीच JEE-NEET की परीक्षा कराये जाने का विरोध किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने मन की बात में खिलौने पर क्या कहा?
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में बन रहे खिलौने पर हमें जोर देना चाहिए और इसको बढ़ावा देना चाहिए। ग्लोबल 60 लाख करोड़ का खिलौने का बिजनेस है, जिसमें भारत का प्रतिशत बहुत कम है, जिस राष्ट्र के पास इतनी बड़ी विरासत हो, परंपरा हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए, लोकल खिलौनों के लिए हमें वोकल बनना होगा। जिसको हमें बढ़ाना है।
पीएम मोदी ने कहा, खिलौने जहां एक्टिविटी को बढ़ाने वाले होते हैं तो वहीं खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं। खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ते भी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हमारे देश में लोकल खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर यानी खिलौनों के केंद्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं।
गेम्स बनाने पर भी पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया जोर
आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 68वीं कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आह्वान के क्रम में चीन का नाम तो नहीं लिया लेकिन लोगों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ‘असहयोग आंदोलन’ की याद जरूर दिलाई और कहा कि इसका उद्देश्य देशवासियों में आत्मसम्मान और अपनी शक्ति का बोध कराना था। मोदी ने बच्चों और युवाओं में कंप्यूटर गेम्स के बढ़ते प्रचलन की चर्चा करते हुए कहा कि आज इस प्रकार के जितने भी गेम्स होते हैं, उनका मजमून अधिकतर बाहरी होता है जबकि देश में ऐसे विचारों का समृद्ध इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा, मैं देश की युवा प्रतिभा से कहता हूं कि आप भारत में भी गेम्स बनाइए और भारत के भी गेम्स बनाइए। कहा भी जाता है ...तो चलो, खेल शुरू करते हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में डिजिटल गेम्स सहित अन्य क्षेत्रों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है और भारत के लिए अवसर भी है।