राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर किया हमला, जीवन की कीमत लगाना असंभव, मुआवजा को तैयार नहीं, यह क्रूरता है...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 21, 2021 15:36 IST2021-06-21T15:34:34+5:302021-06-21T15:36:10+5:30

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘कोविड महामारी में पहले इलाज की कमी, फिर झूठे आंकड़े और ऊपर से सरकार की यह क्रूरता.....।’’

Rahul Gandhi attacked Modi government impossible put cost of life not ready for compensation cruelty | राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर किया हमला, जीवन की कीमत लगाना असंभव, मुआवजा को तैयार नहीं, यह क्रूरता है...

महामारी में पहले इलाज की कमी, फिर झूठे आँकड़े और ऊपर से सरकार की क्रूरता! (file photo)

Highlightsकोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता।केंद्र तथा राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।गेहूं की खरीद में किसानों को बहुत परेशानियां उठानी पड़ रही हैं।

नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोविड-19 महामारी के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने में केंद्र द्वारा असमर्थता जताए जाने को लेकर सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सरकार की क्रूरता है।

 

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जीवन की कीमत लगाना असंभव है- सरकारी मुआवज़ा सिर्फ़ एक छोटी सी सहायता होती है लेकिन मोदी सरकार यह भी करने को तैयार नहीं।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘कोविड महामारी में पहले इलाज की कमी, फिर झूठे आंकड़े और ऊपर से सरकार की यह क्रूरता.....।’’

गौरतलब है कि केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में कहा है कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह वित्तीय बोझ उठाना मुमकिन नहीं है और केंद्र तथा राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।

प्रियंका का योगी से आग्रह : किसानों की उपज की खरीद की गारंटी सुनिश्चित की जाए

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि किसानों की उपज की खरीद की गारंटी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘‘प्रदेश के तमाम जिलों से मुझे लगातार सूचनाएं आ रही हैं कि गेहूं की खरीद में किसानों को बहुत परेशानियां उठानी पड़ रही हैं।

एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई लेकिन कोरोना महामारी के चलते क्रय केंद्रों पर ताला लटकता रहा। जैसे ही किसानों का गेहूं क्रय केंद्रों पर पहुंचने लगा, उसी समय खरीद को कम करके आधा कर दिया गया।’’ कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा कि पंजाब और हरियाणा जैसे प्रदेशों में गेहूं की सरकारी ख़रीद कुल उत्पादन का 80-85 प्रतिशत तक होती है, जबकि उत्तर प्रदेश में उत्पादित 378 लाख मीट्रिक टन गेहूं के मात्र 14 प्रतिशत हिस्से की ही सरकारी केंद्रों पर खरीद हुई है।

15 जुलाई तक किसानों के गेहूं की खरीद की गारंटी दी जाए

प्रियंका ने पत्र में लिखा, ‘‘कोरोना महामारी और महंगाई के चलते किसानों की हालत पहले से ही ख़राब है, ऐसे में उनकी फसल की खरीद न हो पाने या औने-पौने दामों में गेहूं बेचने के लिए मजबूर होने जैसी स्थिति किसानों की कमर तोड़ देगी।’’ उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया, ‘‘क्रय केंद्रों पर 15 जुलाई तक किसानों के गेहूं की खरीद की गारंटी दी जाए।

प्रत्येक क्रय केंद्र पर खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए भटकना न पड़े।’’ कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा, ‘‘ कई जिलों से खबरें आ रही हैं कि एक किसान से एक बार में अधिकतम 30 या 50 कुंतल गेहूं खरीदा जा रहा है। इससे किसान बहुत परेशान हैं। इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर किसानों से गेहूं की अधिकतम खरीद की जाए।’’

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