राफेल विवाद: कांग्रेस ने फिर किया मोदी सरकार पर वार, लगाया आरोप- डील से पहले बदल दिए भ्रष्टाचार-निरोधक प्रावधान

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 12, 2019 11:41 AM2019-02-12T11:41:55+5:302019-02-12T11:49:37+5:30

भारतीय वायु सेना के लिए 36 राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए भारत सरकार ने करीब 59 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया है। कांग्रेस का आरोप है कि इस डील में कारोबारी अनिल अंबानी को फायदा पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे में हस्तक्षेप किया। केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय ने कांग्रेस को आरोपों को बेबुनियाद और मनगढ़ंत बताया है।

Rafale Deal Congress claims modi government changed the rules of the purchase process | राफेल विवाद: कांग्रेस ने फिर किया मोदी सरकार पर वार, लगाया आरोप- डील से पहले बदल दिए भ्रष्टाचार-निरोधक प्रावधान

राफेल विवाद: कांग्रेस ने फिर किया मोदी सरकार पर वार, लगाया आरोप- डील से पहले बदल दिए भ्रष्टाचार-निरोधक प्रावधान

Highlightsमोदी सरकार ने यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का ही पालन किया हैडिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने सितंबर 2016 में इंटर-गवर्नमेंटल एग्रीमेंट, सप्लाइ प्रोटोकॉल्स, ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट्स और ऑफसेट शेड्यूल में 9 बदलावों को मंजूरी दी थी

राफेल डील मामले में सरकार ने समझौते पर हस्ताक्षर से कुछ दिन पहले ही मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ पेनल्टी से जुड़े अहम प्रावधानों को हटा दिया था. सरकार ने प्रभाव के बेजा इस्तेमाल पर जुर्माना, एजेंट या एजेंसियों के कमिशन से जुड़े प्रावधानों समेत कई बदलाव किए थे. राफेल डील को लेकर लगातार खुलासे का दावा करने वाले अखबार के इस खुलासे से एक बार फिर हंगामा मच गया है.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूपीए सरकार ने ही नियम बनाया था कि मित्र देशों के साथ इंटर-गवर्नमेंटल एग्रीमेंट के दौरान स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रसीजर में मामले में कुछ शर्तों से छूट ली जा सकती है.

यूपीए सरकार के नियमों का मोदी सरकार ने किया पालन

मोदी सरकार ने यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का ही पालन किया है. अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि सरकार ने राफेल डील पर हस्ताक्षर से कुछ दिन पहले स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रि या में कुछ अहम बदलाव किए थे. डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने सितंबर 2016 में इंटर-गवर्नमेंटल एग्रीमेंट, सप्लाइ प्रोटोकॉल्स, ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट्स और ऑफसेट शेड्यूल में 9 बदलावों को मंजूरी दी थी.

यूपीए सरकार के बनाए नियमों का ही हुआ पालन सूत्र बताते हैं कि मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का ही पालन किया है. वर्ष 2013 में यूपीए सरकार ने नई नीति बनाई, जिसके मुताबिक मित्र देशों की सरकारों के साथ इंटर-गवर्नमेंटल एग्रीमेंट में रक्षा मंत्रालय को मानक रक्षा खरीद प्रक्रि या के नियमों का पालन जरूरी नहीं है.

जानिए क्या है नए नियम

नए नियमों के मुताबिक, इंटर-गवर्नमेंटल एग्रीमेंट में मानक खरीद प्रक्रि या के नियमों के पालन के बजाए दोनों देशों की सरकारों द्वारा आपसी सहमति वाले प्रावधान शामिल होंगे. बॉक्स - कमेंट्स अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने जानबूझकर डील से क्लॉज को हटाया. इससे जाहिर होता है कि पीएम ने लूट में सहयोग दिया.

राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष सरकार ने जितना सोचा नहीं था, उससे ज्यादा तेजी से राफेल सौदे में खुलासे हो रहे हैं. पहले कीमत बढ़ाई गई, फिर यह खुलासा हुआ कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने समानांतर बातचीत करके भारतीय वार्ता दल के प्रयासों को कमजोर किया. अब यह खुलासा हुआ है कि मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया के प्रावधानों में बदलाव किए गए. 

पी. चिदंबरम, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राफेल विमान सौदे पर हस्ताक्षर से कुछ दिन पहले मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया में बदलाव करते हुए भ्रष्टाचार विरोधी कुछ मुख्य प्रावधानों को हटा दिया गया था. आखिर ऐसा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कौन सा भ्रष्टाचार छिपाना चाहते थे? 

Web Title: Rafale Deal Congress claims modi government changed the rules of the purchase process

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