नोएडा में होगी राफेल और मिराज विमानों की मरम्मत, डसाल्ट ने सेंटर खोलने का फैसला किया, वायुसेना का खर्च होगा कम
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 3, 2024 04:30 PM2024-08-03T16:30:08+5:302024-08-03T16:31:19+5:30
इस फैसले से सबसे बड़ा फायदा भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को होगा। IAF के मिराज-2000 और राफेल लड़ाकू विमानों की मरम्मत अब आसानी से उनके बेस के पास ही जाएगी। नोएडा में स्थापित होने वाले सेंटर से समय और खर्च दोनों में कमी आएगी।
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के सबसे उन्नत लड़ाकू विमान राफेल और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिराज विमानों का रखरखाव और मेंटनेंस अब नोएडा में किया जाएगा। इन विमानों को बनाने वाली फ्रांस की कंपनी DAMROI या डसॉल्ट उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक नई सुविधा स्थापित करने वाली है जहां रखरखाव और मरम्मत का काम किया जाएगा। इस फैसले से सबसे बड़ा फायदा भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को होगा। IAF के मिराज-2000 और राफेल लड़ाकू विमानों की मरम्मत अब आसानी से उनके बेस के पास ही जाएगी। नोएडा में स्थापित होने वाले सेंटर से समय और खर्च दोनों में कमी आएगी।
मिराज-2000 लड़ाकू विमान 1980 के दशक में खरीदे गए और अब तक सेवा में हैं। भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल 50 मिराज-2000 लड़ाकू विमान हैं। वहीं केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील हुई थी जो अब एयरफोर्स को मिल चुके हैं। भारतीय वायुसेना अभी और राफेल खरीद सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए डसाल्ट ने नोएडा में रखरखाव और मरम्मत के लिए सेंटर खोलने का फैसला किया है।
भारतीय वायुसेना को भविष्य में 110 से अधिक लड़ाकू विमानों का जरूरत है। हालांकि सरकार का लक्ष्य स्वदेशी तेजस विमानों को शामिल करने का है। लेकिन इनके मिलने में अभी देरी है।
1998 में परमाणु विस्फोटों के बाद भारत को कई देशों से प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा था। तब फ्रांस ने भारत की मदद की थी। यह पहली बार है कि कोई अंतरराष्ट्रीय संगठन एमआरओ स्थापित कर रहा है। यह एक बड़ा निवेश है।
क्या हैं मिराज-2000 की खूबियां ( features of Mirage-2000)
डसॉल्ट मिराज 2000 एक फ्रांसीसी बहुउद्देशीय चौथी पीढ़ी का जेट फाइटर है। एक इंजन वाले इस विमान को डसॉल्ट एविएशन ने बनाया है। एक बहुउद्देशीय विमान के रूप में मिराज के
कई संस्करण विकसित किए गए। इसे कई देशों को बेचा गया। यह नौ देशों की सेवा में रहा है। मिराज 2000 परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम विमान है। मिराज 2000 एक सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है। 1980 में, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को उस वर्ष पाकिस्तान द्वारा एफ-16ए/बी लड़ाकू विमान खरीदने के लिए अमेरिका से सफल संपर्क के बारे में पता चला, जिसकी डिलीवरी 1982 में शुरू होनी थी। भारत सरकार ने महसूस किया कि फ्रांसीसी विमान मिराज एफ-16 को टक्कर दे सकता है। इसलिए इसे शामिल किया गया।
क्या हैं राफेल की खूबियां (Features of Rafale)
डसॉल्ट राफेल 4.5वीं पीढ़ी का लडाकू विमान है। यह एक मल्टीरोल फाइटर जेट है जिसे डसॉल्ट एविएशन द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है। राफेल युद्ध में हर तरह की भूमिका निभाने में सक्षम है। हवा में लड़ाई हो या जमीन पर मौजूद लक्ष्य को तबाह करना या फिर समंदर में दुश्मन के जहाज को नष्ट करना, राफेल हर काम में माहिर है। अप्रैल 2015 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पेरिस यात्रा के दौरान, भारत ने उड़ान भरने के लिए तैयार 36 राफेल की त्वरित डिलीवरी की डील की थी। फिलहाल यह विमान अग्रिम मोर्चे पर चीन और पाकिस्तान सीमा के पास तनात है।