पटना: बिहार में किये जा रहे कोरोना वायरस टेस्ट को लेकर अब प्रश्न चिन्ह लगने लगा है. ऐसा इसलिए हो रहा है कि जांच की रिपोर्ट में अंतर आने लगा है. दरअसल, वैशाली जिले के रहने वाले युवक की पहले की गई जांच में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. लेकिन उसके मरने के बाद जब फिर से जांच कराई गई तो वह निगेटिव आया. इसके बाद अब पटना के खाजपुरा की रहने वाली कोरोना से संक्रमित महिला रिपोर्ट भी निगेटिव पाई गई है. जबकि दो दिन पहले इस महिला के रिपोर्ट पटना एम्स में जांच के बाद पॉजिटिव पाई गई थी, लेकिन अब रिपोर्ट अचानक से निगेटिव हो गई है.
ऐसे में बिहार में हो रहे कोरोना के जांच की सच्चाई पर ही सवाल उठने लगे हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का कहना है कि ऐसा कैसे हुआ? इस बारे में विशेषज्ञों से बात की जाएगी. यहां बता दें कि दो दिन पहले ही पटना की खाजपुरा की रहनेवाली महिला की कोरोना जांच रिपोर्ट को पटना एम्स ने पॉजिटिव बताया था, उस रिपोर्ट को क्रॉस चेक करने के लिए पटना के आरएमआरआइ और एनएमसीएच ने जो सैंपल्पस लिए थे. अब उसकी जांच रिपोर्ट आज निगेटिव पाई गई है.
उसके पहले वैशाली जिले के राघोपुर निवासी नवल किशोर राय की मौत पटना एम्स में पिछले दिन मौत हो गई थी. उसकी मौत के बाद अस्पताल ने बुलेटिन जारी कर बताया था कि मृतक मरीज कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित था और उसकी जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है. इसके बाद अस्पताल ने उसका शव जिला प्रशासन को पूरी एहतियात से सौंपा और प्रशासन ने कोरोना मरीज के लिए जारी गाइडलाइन की तहत मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया.
अब उसी मृतक मरीज नवल किशोर राय की दूसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है, जिसे लेकर संदेह की स्थिति बन गई है. कहा जा रहा है कि मरीज की जांच रिपोर्ट को क्रॉस चेकिंग के लिए राजेंद्र मेडिकल रिसर्च इंस्टीच्यूट (आरएमआरआइ) भेजा गया था. सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने इसकी पुष्टि की है. आरएमआरआइ के पहले सिविल सर्जन की टीम ने भी महिला की कोरोना जांच का नमूना लिया, बाद में एनएमसीएच की टीम ने भी कोरोना जांच का नमूना लिया था. अब दोनों नमूने जांच के बाद निगेटिव पाए गए हैं.
पटना की खाजपुरा रहने वाली इस महिला का कोई ट्रैवल हिस्ट्री सामने नहीं आई थी और महिला पिछले 1 महीने से अपने घर में बंद थी. किसी के संपर्क में आने को लेकर भी संदेह नहीं था. उसके करीबियों का जो सैंपल टेस्ट लिया गया सभी के सभी नेगेटिव आए और अब उस महिला की रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गई है.
ऐसे में अब यह सवाल उठना लाजमी है कि पटना एम्स में हो रही को रोना की जांच रिपोर्ट सही है या फिर गलत है. इतना ही नहीं पटना के शरणम हॉस्पिटल की नर्स के साथ भी रिपोर्ट बदलने का वाकया हुआ था. खाजपुरा की रहनेवाली यह महिला 17 अप्रैल को एम्स पटना में भर्ती हुई थी, उसे उसके पडोसी ने सर्दी-खांसी और सांस लेने में हो रही परेशानी को देखते हुए भर्ती कराया था.
यहां बता दें कि राज्य में अबतक दो लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. जबकि बिहार में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 96 हो चुकी है. वहीं, आज मधेपुरा जिले के चौसा में कोरोना संदिग्ध की मौत पर लोग डरे हुए हैं. दिल्ली से लौटे युवक बुखार से पीडित था. सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी.
पीएससी प्रभारी ने रविवार को उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया. जहां से उसे भागलपुर भेज दिया गया. लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. मौत के बाद उसका सैम्पल लिया गया है. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. डीपी गुप्ता ने बताया कि सैम्पल जांच में भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.