पंजाब के अधिकारियों के साथ अरविंद केजरीवाल की बैठक को लेकर भड़के विपक्षी दल, अमरिंदर सिंह ने भगवंत मान को बताया 'रबड़ स्टैंप'

By भाषा | Published: April 13, 2022 08:44 AM2022-04-13T08:44:45+5:302022-04-13T08:54:01+5:30

पंजाब के शीर्ष अधिकारियों के साथ अरविंद केजरीवाल की बैठक को लेकर विपक्षी पार्टियों ने हमला बोल दिया है। अमरिंदर सिंह ने सीएम भगवंत मान को 'रबर स्टैंप' कहा है। वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोप लगाया कि यह 'संघवाद का उल्लंघन है।'

Punjab opposition parties furious over Arvind Kejriwal's meeting with Punjab officials | पंजाब के अधिकारियों के साथ अरविंद केजरीवाल की बैठक को लेकर भड़के विपक्षी दल, अमरिंदर सिंह ने भगवंत मान को बताया 'रबड़ स्टैंप'

पंजाब के अधिकारियों के साथ अरविंद केजरीवाल की बैठक पर विवाद (फोटो- ट्विटर)

चंडीगढ़: पंजाब में विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में सरकार दिल्ली से ‘रिमोट कंट्रोल’ से चलाई जा रही है। विपक्षी दलों के नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पंजाब के वरिष्ठ अधिकारियों को बैठक के लिए राष्ट्रीय राजधानी बुलाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया जताई।

आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल ने सोमवार को पंजाब के ''शीर्ष अधिकारियों'' के साथ बैठक कर राज्य में 300 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के पार्टी के वादे को पूरा करने के तरीकों पर चर्चा की।

अमरिंदर सिंह ने कहा- भगवंत मान को ''रबड़ स्टैंप'' सीएम

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को ''रबड़ स्टैंप'' कहा, जबकि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोप लगाया कि यह ''संघवाद का उल्लंघन है।'' कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि राज्य के लोगों ने ऐसी सरकार के लिए वोट नहीं दिया था, जिसे दिल्ली से ''रिमोट कंट्रोल'' के जरिए चलाया जाए जबकि शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने ''केजरीवाल की बैठक'' को ''असंवैधानिक और अस्वीकार्य'' करार दिया।

हालांकि, केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की ओर से विवाद पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार को केजरीवाल ने दिल्ली में पंजाब के मुख्य सचिव, सचिव (विद्युत) और राज्य की बिजली कंपनी के अध्यक्ष के साथ बिजली संबंधी मुद्दे को लेकर बैठक की थी, जबकि भगवंत मान बैठक में मौजूद नहीं थे। इससे पहले, दिन में नयी दिल्ली में केजरीवाल से मिलने वाले मान ने ट्वीट किया, ''हमारे नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक अच्छी रही। पंजाब के लोगों को जल्द ही खुशखबरी मिलेगी।''

'केजरीवाल का बैठक करना बड़ा मुद्दा नहीं'

केजरीवाल ने मान के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा, ''हम मिलकर दिल्ली, पंजाब और पूरे देश को बदल देंगे। लोग बहुत दुखी और व्यथित हैं। वे राजनेताओं और पार्टियों की गंदी और भ्रष्ट राजनीति से तंग आ चुके हैं। हमें लोगों के लिए दिन-रात काम करना है।'' बैठक के बारे में पूछे जाने पर पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने मंगलवार को कहा कि केजरीवाल पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं और अगर उन्होंने बैठक की भी है तो यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।

पंजाब में आप के प्रवक्ता मलविंदर कांग ने कहा, ''केजरीवाल के शासन के मॉडल को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। अगर उन्होंने अनौपचारिक बैठक की है जो पंजाब के लोगों के फायदे के लिए है, तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए।’’ बैठक को लेकर कांग्रेस विधायक प्रताप बाजवा ने मुख्यमंत्री मान से सवाल किया। बाजवा ने ट्वीट किया, ‘‘पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जी हमें बताएं कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्री सचमुच पंजाब के मुख्यमंत्री और मंत्रियों की अनुपस्थिति में हमारे अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। अगर हां, तो यह एक राज्य के रूप में हमारे अधिकारों का घोर उल्लंघन है। पंजाब के लोगों ने दिल्ली से रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार के लिए वोट नहीं दिया था।’’

पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भगवंत मान को ''रबड़ स्टैंप'' कहा। अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘सबसे बुरे का डर था, सबसे बुरा हुआ। उम्मीद से बहुत पहले ही अरविंद केजरीवाल ने पंजाब पर कब्जा कर लिया। भगवंत मान रबड़ स्टैंप हैं, यह पहले से ही निर्धारित था, अब केजरीवाल ने दिल्ली में पंजाब के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करके इसे सही साबित कर दिया है।’’ आप पर निशाना साधते हुए कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने पूछा कि क्या राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को केजरीवाल के 'दरबार' में मौजूद रहना होगा।

बैठक का जिक्र करते हुए, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि यह ''संघवाद का उल्लंघन है।'' सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘पंजाब के आईएएस अधिकारियों को अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की अनुपस्थिति में बुलाया। यह असल मुख्यमंत्री और दिल्ली के रिमोट कंट्रोल को उजागर करता है। संघवाद का स्पष्ट उल्लंघन, पंजाबी गौरव का अपमान। दोनों को स्पष्ट करना चाहिए।’’

शिअद प्रमुख सुखबीर बादल ने अपने ट्वीट में इसे ''असंवैधानिक और अस्वीकार्य'' करार दिया तथा अपनी पार्टी के नेता दलजीत सिंह चीमा के ट्वीट को टैग किया, जिन्होंने दिल्ली में आप के नेतृत्व वाली सरकार पर पंजाब के मामले में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। चीमा ने कहा, ‘‘हमने दिल्ली के बारे में बहुत कुछ सुना है कि केंद्र सरकार राज्यों के आंतरिक मामलों में दखल दे रही है। लेकिन, यह पहली बार है कि हम देख रहे हैं कि दिल्ली की राज्य सरकार पंजाब सरकार के आंतरिक मामलों में सीधे तौर पर दखल दे रही है।’’

Web Title: Punjab opposition parties furious over Arvind Kejriwal's meeting with Punjab officials

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