वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने मंगलवार को कहा कि आधुनिक तकनीक से लैस अपाचे 64-ई लड़ाकू हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना की अभियान और मारक क्षमताओं में वृद्धि करेगा।
पठानकोट वायुसेना स्टेशन में औपचारिक रूप से आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने के लिए आयोजित एक समारोह में उन्होंने यह बयान दिया। धनोआ ने कहा, ‘‘ अपाचे 64-ई लड़ाकू हेलीकॉप्टर पुराने हो रहे एमआई-35 बेड़े की जगह लेंगे। कुल 22 अपाचे लिए जाने है और इसकी आखिरी खेप मार्च 2020 में मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर आधुनिक तकनीक से लैस हैं और इन्हें पश्चिमी क्षेत्र में तैनात किए जाएंगे। धनोआ ने कहा, ‘‘ ये लड़ाकू हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना की अभियान और मारक क्षमताओं में वृद्धि करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि अपाचे हेलीकॉप्टर का भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल होना इसके आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
धनोआ ने कहा कि आधुनिक तकनीक से लैस अपाचे हेलीकॉप्टर सभी मौसमों में दिन रात तेजी से कार्रवाई करने में सक्षम हैं।
वायुसेना में शामिल हुए आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर
अमेरिका निर्मित आठ ‘अपाचे एएच-64ई’ लड़ाकू हेलीकॉप्टर मंगलवार को भारतीय वायुसेना में शामिल किए गए। इससे वायुसेना की युद्धक क्षमता में वृ्द्धि होगी। अधिकारियों ने बताया कि पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आयोजित समारोह में औपचारिक रूप से इन आठ अपाचे हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया।
इस समारोह में वायुसेना प्रमुख एयल चीफ मार्शल बीएस धनोआ बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। बोइंग ने समारोह में हेलीकॉप्टर की प्रतीकात्मक चाबी वायुसेना को सौंपी। ‘अपाचे एएच-64ई’ दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर हैं और अमेरिकी सेना इनका इस्तेमाल करती है।
वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी न बताया, ‘‘ आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर वायुसेना में शामिल होने जा रहे हैं, जो बल की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे।’’ भारतीय वायुसेना ने 22 ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’ के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितम्बर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था।