पंजाब सरकार ने अकाल तख्त जत्थेदार की सुरक्षा हटाई, कुछ दिन पहले सिखों से लाइसेंसी हथियार रखने का आह्वान किया था
By विशाल कुमार | Published: May 28, 2022 11:32 AM2022-05-28T11:32:48+5:302022-05-28T11:35:21+5:30
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सोमवार को कहा था कि ‘‘ऐसा समय है’’ कि प्रत्येक सिख को एक लाइसेंसी आधुनिक हथियार रखना चाहिए। उनके इस बयान पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि उन्हें शांति और भाईचारे का संदेश देना चाहिए।
चंडीगढ़: सिखों से लाइसेंसी हथियार रखने का आह्वान करने के पांच दिन बाद शनिवार को पंजाब सरकार ने अकाल तख्त के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सुरक्षा हटा ली है।
एक विशेष सशस्त्र बल के छह कर्मी सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार की रखवाली कर रहे थे। इसमें बठिंडा पुलिस के तीन और इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के तीन कर्मी शानिल हैं।
सिंह ने कहा कि आज सुबह हमें पता चला कि बठिंडा पुलिस के तीन जवानों को उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने वापस बुला लिया है। हमें बाकी कर्मियों की भी जरूरत नहीं है जो हमारी रक्षा कर रहे हैं। हमने पंजाब पुलिस के अधिकारियों से आईआरबी कर्मियों को भी वापस लेने को कहा है।
23 मई को छठे सिख गुरु, गुरु हरगोबिंद की गुरगद्दी दिवस (अभिषेक वर्षगांठ) की 416 वीं वर्षगांठ पर सिंह ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि सिख लड़कों और लड़कियों को गुरु हरगोबिंद सिंह जी के आदेश का पालन करने की जरूरत है। उन्हें ‘गत्का बाजी’ (पारंपरिक युद्ध कला), तलवारबाजी और बंदूक चलाने का प्रशिक्षण लेना चाहिए। प्रत्येक सिख को वैध तरीके से लाइसेंसी आधुनिक हथियार हासिल करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि ऐसा समय है और ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है।
जत्थेदार की टिप्पणी पर मुख्यमंत्री मान ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी थी और उनसे ऐसे संदेश नहीं देने को कहा था। मान ने ट्वीट किया था कि हमें आधुनिक हथियार के संदेश के बजाय शांति, भाईचारे और आधुनिक विकास का संदेश देना चाहिए।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह के बयान पर आपत्ति जताई, लेकिन शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने जत्थेदार का समर्थन किया था।