पंजाब सरकार का फैसला, सभी सरकारी विभाग पंजाबी में लिखे साइन बोर्ड, मील के पत्थर पर भी गुरमुखी लिखना अनिवार्य
By भाषा | Published: February 21, 2020 06:38 PM2020-02-21T18:38:40+5:302020-02-21T18:38:40+5:30
पंजाब सरकार ने शुक्रवार को अपने सभी विभागों, बोर्डों और निगमों के साथ ही अर्द्ध-शासकीय संस्थाओं के नाम पट्ट अनिवार्य रूप से पंजाबी भाषा में भी लिखे जाने की घोषणा की। नये नियमों के अनुसार राज्य में सड़क पर बने मील के पत्थरों पर भी जानकारी प्रमुख रूप से गुरमुखी लिपि में उल्लेखित होगी।
पंजाब सरकार ने सभी सरकारी संस्थानों के लिए पंजाबी में साइन बोर्ड लिखना अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा मील के पत्थर पर भी गुरमुखी में लिखा जाएगा।
पंजाब सरकार ने शुक्रवार को अपने सभी विभागों, बोर्डों और निगमों के साथ ही अर्द्ध-शासकीय संस्थाओं के नाम पट्ट अनिवार्य रूप से पंजाबी भाषा में भी लिखे जाने की घोषणा की। नये नियमों के अनुसार राज्य में सड़क पर बने मील के पत्थरों पर भी जानकारी प्रमुख रूप से गुरमुखी लिपि में उल्लेखित होगी।
हालांकि राष्ट्रीय राजमार्गों और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नये नियम लागू नहीं होंगे। उच्च शिक्षा और भाषा मंत्री तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर घोषणा की। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार पंजाब के भाषा विभाग ने इस संबंध में पंजाब राज्य भाषा अधिनियम, 1967 के तहत आदेश जारी किया।
बयान के अनुसार, ‘‘सभी सरकारी और अर्द्ध-सरकारी संस्थाओं में, पट्टिकाओं, निगमों के नाम पट्टों पर और सड़क किनारे मील के पत्थरों पर ऊपर की तरफ गुरमुखी लिपि में जानकारी होगी और जरूरत हुई तो किसी अन्य भाषा में भी छोटे अक्षरों में इसे नीचे दिया जाएगा।’’