अग्निपथ स्कीम पर बोले भगवंत मान- सेना का अपमान है ये योजना, इसे तुरंत वापस लिया जाए
By मनाली रस्तोगी | Published: June 17, 2022 04:25 PM2022-06-17T16:25:57+5:302022-06-17T16:27:27+5:30
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अग्निपथ योजना को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा, "2 साल सेना में भर्ती रोकने के बाद केंद्र का नया फरमान कि 4 साल सेना में रहो। उसके बाद पेंशन भी न मिले। ये सेना का भी अपमान है। देश के युवाओं के साथ भी धोखा है। देशभर के युवाओं का गुस्सा। बिना सोचे समझे लिए गए फैसले का नतीजा है। फैसला तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं।"
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को अग्निपथ के खिलाफ सेना के उम्मीदवारों द्वारा किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। यही नहीं, उन्होंने भगवंत मान ने शुक्रवार को केंद्र से इस योजना को तुरंत वापस लेने को भी कहा। उन्होंने कहा कि नई योजना सैनिकों का अपमान है और इसे बिना ज्यादा सोचे समझे शुरू किया गया।
मान ने ट्वीट करते हुए लिखा, "2 साल सेना में भर्ती रोकने के बाद केंद्र का नया फरमान कि 4 साल सेना में रहो। उसके बाद पेंशन भी न मिले। ये सेना का भी अपमान है। देश के युवाओं के साथ भी धोखा है। देशभर के युवाओं का गुस्सा। बिना सोचे समझे लिए गए फैसले का नतीजा है। फैसला तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं।"
2 साल सेना में भर्ती रोकने के बाद केंद्र का नया फरमान कि 4 साल सेना में रहो.. उसके बाद पेंशन भी न मिले.. ये सेना का भी अपमान है.. देश के युवाओं के साथ भी धोखा है.. देशभर के युवाओं का गुस्सा.. बिना सोचे समझे लिए गए फैसले का नतीजा है.. फैसला तुरंत वापिस लेने की मांग करते हैं
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) June 17, 2022
मान ने कहा कि सेना के उम्मीदवारों द्वारा व्यापक विरोध बिना सोचे-समझे लिए गए निर्णय का परिणाम है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को जिस नई योजना को मंजूरी दी थी, उसके तहत सैनिकों को चार साल के लिए 30,000 रुपये के शुरुआती वेतन के साथ भर्ती किया जाएगा। चार साल बाद 75 फीसदी जवानों को 11.71 लाख रुपये के पैकेज के साथ वापस भेजा जाएगा जबकि 25 फीसदी जवानों को अगले 15 साल के लिए रखा जाएगा।
सेना के उम्मीदवार चार साल के टेन्योर का विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह कार्यकाल समाप्त होने के बाद वे बेरोजगार हो जाएंगे और इसका कोई अन्य लाभ नहीं होगा। यूपी, बिहार, हरियाणा और तेलंगाना में हिंसक विरोध प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों के समर्थन में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल सामने आए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस योजना के खिलाफ बोलते हुए कहा है कि मोदी सरकार के मन में सेना के लिए कोई सम्मान नहीं है।
अग्निपथ योजना की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नए कार्यक्रम के तहत भर्ती किए गए सैनिकों के पास चार साल बाद कोई रैंक, कोई पेंशन और कोई स्थिर भविष्य नहीं होगा। हालांकि, जहां कांग्रेस ने उम्मीदवारों का समर्थन किया है, वहीं उसके सांसद मनीष तिवारी ने यह कहते हुए योजना का समर्थन किया है कि यह सही दिशा में एक अच्छा सुधार है। तिवारी ने कहा कि भारत को अत्याधुनिक हथियारों से लैस प्रौद्योगिकी पर हल्के मानव पदचिह्न के साथ एक युवा सशस्त्र बल की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि केंद्र के सशस्त्र बलों को रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं होना चाहिए। नई योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा। वहीं, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि पहला अग्निवीर दिसंबर (2022) तक हमारे रेजिमेंटल केंद्रों में शामिल हो जाएगा और अगले साल के मध्य तक हमारे परिचालन और गैर-परिचालन में तैनाती के लिए उपलब्ध होगा।