पंजाब में दिवाली के साथ मनाया गया 'बंदी छोड़ दिवस', रोशनी में डूबा स्वर्ण मंदिर
By भाषा | Published: November 8, 2018 04:40 AM2018-11-08T04:40:19+5:302018-11-08T04:40:19+5:30
अमृतसर में स्थित सिखों का सबसे पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर नए लगाए गए लाइटिंग सिस्टम और पारपंरिक दीयों से जगमगा रहा था। स्वर्ण मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी। श्रद्धालुओं ने स्वर्ण मंदिर के पवित्र सरोवर में डुबकी लगाई और गर्भ गृह में मत्था टेका।
प्रकाश पर्व दीपावली बुधवार को समूचे पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में दर्शन किए और गुरुद्वारों में मत्था टेका। दोनों राज्यों और उनकी साझी राजधानी चंडीगढ़ में पूरा दिन लोगों में दीपावली का उत्साह रहा और लोग खरीदारी करने के लिए बाजारों का रुख करते रहे।
दिवाली के शुभ अवसर पर लोगों ने अपने घरों को दीयों और झालरों से जगमगा रखा है। बच्चों ने चंडीगढ़, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, होशियारपुर, अंबाला, रोहतक, हिसार, फरीदाबाद और भिवानी समेत विभिन्न स्थानों पर पटाखे फोड़े।
पंजाब, हरियाणा एवं चंडीगढ़ में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे, खासतौर पर अहम इमारतों, बाजारों और पूजास्थलों पर। पुलिस ने कहा कि कहीं से भी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।
अमृतसर में स्थित सिखों का सबसे पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर नए लगाए गए लाइटिंग सिस्टम और पारपंरिक दीयों से जगमगा रहा था। स्वर्ण मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी। श्रद्धालुओं ने स्वर्ण मंदिर के पवित्र सरोवर में डुबकी लगाई और गर्भ गृह में मत्था टेका।
#WATCH Harmandir Sahib (Golden Temple) in Amritsar lit up on #BandiChhorDivaspic.twitter.com/HlDaMe96Z4
— ANI (@ANI) November 7, 2018
चार लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के लिए लंगर का इंतजाम किया गया है जो दिवाली की रात मंदिर में ही रूके। इस साल गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पटाखे फोड़ने के समय को 15 मिनट से घटा कर 10 मिनट कर दिया।
इस बीच, सिखों के छठे गुरु, गुरु गोबिंद की सन 1620 में मुगल जेल से 52 राजाओं के साथ ऐतिहासिक रिहाई के स्मरण में पंजाब में ‘बंदी छोड़ दिवस’ मनाया गया।
गुरु गोबिंद अपनी रिहाई के बाद सीधे स्वर्ण मंदिर पहुंच गए थे, जहां लोगों ने उनकी रिहाई का जश्न मनाने के लिए दीए जलाए थे और पवित्र शहर को सजाया था।