पंजाब: अमरिंदर सिंह कैबिनेट ने दी ईशनिंदा कानून को मंजूरी, धर्मग्रंथों के अपमान पर उम्रकैद की सजा का प्रावधान
By स्वाति सिंह | Published: August 22, 2018 07:18 PM2018-08-22T19:18:41+5:302018-08-22T19:18:41+5:30
सरकार ने राज्य में ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने और सांप्रदायिक सद्भाव कायम रखने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
चंडीगढ़, 22 अगस्त: पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट ने बुधवार को ईशनिंदा कानून लेकर पारित कर दिया है. इस कानून के अंतर्गत धार्मिक ग्रंथों का अनादर करने वालों को उम्रकैद की सजा तक मिल सकती है। इस बात की जानकारी कैप्टन अमरिंदर ने ट्वीटर के जरिए दी। उन्होंने लिखा 'सरकार राज्य में अनादर की घटनाओं पर लगाम लगाने और सांप्रदायिक सद्भाव कायम रखने के लिए यह कानून लेकर आई है. पंजाब कैबिनेट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) में संशोधनों के प्रस्ताव वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। बताया जा रहा है कि इस कानून को पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून जैसा ही है।
The Cabinet today decided on amendments to IPC to make sacrilege of all religious texts punishable with life imprisonment. We will place the Bill in the Vidhan Sabha for approval. I stand firmly committed to preserve communal harmony in the State. pic.twitter.com/0Bm8150IH1
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) August 21, 2018
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने राज्य में ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने और सांप्रदायिक सद्भाव कायम रखने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह फैसला किया गया।
प्रवक्ता ने बताया, 'कैबिनेट ने आईपीसी में धारा 295एए जोड़ने को मंजूरी दी है ताकि यह प्रावधान हो सके कि लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत करने की मंशा से श्री गुरू ग्रंथ साहिब, श्रीमद्भगवत गीता, पवित्र कुरान और पवित्र बाइबल को ठेस या नुकसान पहुंचाने वाले या अनादर करने वाले को उम्रकैद की सजा मिल सके।'
कैबिनेट ने 14वीं विधानसभा के 12वें सत्र में पारित हो चुके सीआरपीसी (पंजाब संशोधन) विधेयक-2016 और आईपीसी (पंजाब संशोधन) विधेयक- 2016 को वापस लेने की मंजूरी दी है।
प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने पंजाब विधानसभा के आगामी सत्र में सीआरपीसी (पंजाब संशोधन) विधेयक-2018 और आईपीसी (पंजाब संशोधन) विधेयक- 2018 को पेश करने की मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने कई अन्य विधेयकों को विधानसभा के आगामी सत्र में सदन में पेश करने की भी मंजूरी दी है।
गौरतलब है कि 2016 में पंजाब में जब शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन की सरकार थी तो राज्य विधानसभा ने सीआरपीसी (पंजाब संशोधन) विधेयक-2016 और आईपीसी (पंजाब संशोधन) विधेयक- 2016 पारित किया था। गुरू ग्रंथ साहिब के अनादर के दोषियों को उम्रकैद की सजा देने के लिए उस वक्त संशोधन विधेयक पारित किए गए थे।
बहरहाल, बाद में केंद्र सरकार ने कथित तौर पर संशोधन पर ऐतराज जताते हुए राज्य सरकार से कहा था कि उम्रकैद की सजा किसी एक धर्म के पवित्र ग्रंथ के अपमान तक ही सीमित नहीं रह सकती, बल्कि इसे हर धर्म के ग्रंथों के अपमान के मामले में लागू किया जाना चाहिए।
पंजाब में हाल के वर्षों में धार्मिक ग्रंथों के अनादर की कुछ घटनाएं हुई हैं और पिछले साल विधानसभा चुनावों में यह चुनावी मुद्दा बना था।
(भाषा इनपुट के साथ)