आम आदमी पार्टी को एक और झटका, पंजाब विधायक बलदेव सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफा
By स्वाति सिंह | Published: January 16, 2019 11:13 AM2019-01-16T11:13:14+5:302019-01-16T11:13:14+5:30
बलदेव सिंह ई-मेल के द्वारा केजरीवाल को इस्तीफा भेजा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल सिर्फ दलित कार्ड का केवल इस्तेमाल करते हैं।
पंजाब में बुधवार को आम आदमी पार्टी को एक और झटका लगा है। यहां आप के विधायक मास्टर बलदेव सिंह ने पार्टी प्राथमिक प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जैतो से विधायक बलदेव सिंह अपना इस्तीफा अरविंद केजरीवाल को भेजा है। बलदेव सिंह ई-मेल के द्वारा केजरीवाल को इस्तीफा भेजा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल सिर्फ दलित कार्ड का केवल इस्तेमाल करते हैं।
Punjab: Aam Aadmi Party (AAP) MLA from Jaito, Master Baldev resigns from the party. More details awaited. pic.twitter.com/30vPOAZEKK
— ANI (@ANI) January 16, 2019
इससे पहले विधायक सुखपाल खैरा ने भी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। बलदेव सिंह ने ई-मेल के जरिए लिखा है कि वह बेहद दुखी मन से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं, क्योंकि पार्टी ने मूल विचारधार और सिद्धातों को पूरी तरह छोड़ दिया है। बलदेव सिंह ने आगे लिखा 'दिल्ली में अन्ना हज़ारे द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से मैं बेहद प्रभावित हुआ था।इसके बाद ही मैंने आप का हिस्सा बनने का फैसला किया था।हमारे देश और पंजाब की राजनीति को सुधारने के लिए मैंने सरकारी नौकरी छोड़ने का फैसला किया था।'
बता दें कि आम आदमी पार्टी को एक के बाद एक झटका लग रहा है। पंजाब के 'आप' विधायक सुखपाल खैरा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।हालांकि खैरा ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। खैरा 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर कपूरथला जिले के भुलत्थ से चुने गए थे।
खैरा ने इससे पहले पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके‘‘तानाशाही’’ रवैये ने भारतीयों और पंजाबियों के दशकों पुराने सड़े गले प्रणाली के विकल्प के सपने को चकनाचूर कर दिया ।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी रह चुके और दिसंबर 2015 में कांग्रेस छोड़ कर आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले खैरा ने अपना इस्तीफा केजरीवाल को भेजा ।
अपने पत्र में खैरा ने आरोप लगाया कि अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद जिस मकसद से पार्टी का गठन किया गया था, यह उस विचारधारा और सिद्धांत से पूरी तरह भटक गयी है । खैरा और पार्टी के एक अन्य बागी विधायक कंवर संधू को पिछले साल नवंबर में पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निलंबित कर दिया गया था।