पुणे की स्टार्ट-अप ने बनाया खास 3डी मास्क, कोरोना वायरस को मारने में होगा सक्षम
By विनीत कुमार | Published: June 15, 2021 09:03 AM2021-06-15T09:03:38+5:302021-06-15T09:10:11+5:30
कोरोना वायरस से जंग में मास्क एक अहम हथियार है। ऐसे में पुणे की एक कंपनी ने ऐसा मास्क तैयार किया है जिसके संपर्क में आते ही कोरोना वायरस निष्क्रिय हो जाते हैं।
नई दिल्ली: भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से जारी जंग के बीच इससे निपटने के लिए लगातार नए शोध और खोज जारी है। इसी बीच पुणे से एक अच्छी खबर आई है। पुणे आधारित एक स्टार्ट-अप ने 3डी प्रिंटेंड ऐसा मास्क बनाया जो उसके संपर्क में आने वाले वायरल कणों को निष्क्रिय कर सकता है।
भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से 14 जून को ये जानकारी दी गई। इसे थिंकर (Thincr) टेक्नोलॉजिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से बनाया गया है। इन मास्क पर एंटी-वायरल एजेंट्स का लेपन है। एंटी-वायरल एजेंट्स को दूसरे शब्दों में वायरुसाइड्स (virucides) भी कहा जाता है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अनुसार मास्क पर ये खास लेप कितना असरदार है, इसका भी परीक्षण किया गया है और ये SARS-CoV-2 को निष्क्रिय करने में कारगर नजर आया है। इस मास्क पर सोडियम ओलेफिन सल्फोनेट आधारित मिश्रण का इस्तेमाल किया गया है।
मास्क से वायरस का बाहरी हिस्सा हो जाता है निष्क्रिय
शोध के अनुसार इस मास्क के संपर्क में आने से वायरस का बाहरी हिस्सा पूरी तरह निष्क्रिय हो जाता है। मास्क को बनाने में जिन चीजों का इस्तेमाल किया गया है वे औसत तामपान (रूम टेम्परेचर) पर स्थिर रहते हैं और इनका इस्तेमाल आम तौर पर कॉस्मेटिक्स वगैरह के निर्माण में होता है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अनुसार कोविड के खिलाफ जंग में इस तरह के मास्क को लेकर शोध शुरुआती प्रोजेक्ट में से एक था।
थिंकर (Thincr) टेक्नोलॉजिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर-डायरेक्टर शीतलकुमार जामबाड ने कहा, 'हमें पहले ही अहसास हो गया था कि संक्रमण से बचाव के लिए फेस मास्क अहम होने जा रहा है। हमें लगा कि फिलहाल जो मास्क हैं और खासतौर पर घर पर बने हुए जो मास्क हैं वो गुणवत्ता में अच्छे नहीं हैं।'
उन्होंने कहा, 'एक अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क की जरूरत है और इसलिए हमनें इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जिसके दाम भी कम हो और संक्रमण के फैलाव में इसकी मदद से रोक लगाई जा सके।'
उन्होंने बताया कि थिंकर (Thincr) टेक्नोलॉजिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने इस प्रोडक्ट के पेटेंटे के लिए अप्लाई कर दिया है। साथ ही इसके उत्पादन का काम भी शुरू हो गया है।