पुलवामा आतंकी आदिल अहमद डार के परिवार वालों ने किए कई खुलासे, बताया क्यों हुआ था जैश-ए-मोहम्मद में शामिल?
By पल्लवी कुमारी | Published: February 16, 2019 04:22 PM2019-02-16T16:22:44+5:302019-02-16T16:22:44+5:30
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में अब तक 44 जवानों शहीद हुए हैं। जिनमें से 38 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है और 42 जवानों के नाम सामने आए हैं।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में पुलिस ने सात लोगों को शुक्रवार हिरासत में लिया है। पुलवामा के आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाला आतंकी आदिल अहमद डार उर्फ वकास कमांडर के परिवार वालों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी है। आदिल अहमद डार के पिता गुलाम हसन डार का कहना है, स्कूल के दिनों से ही डार एक आम आदमी से बदल गया था। आदिल अहमद डार के पिता गुलाम हसन फेरी( घर-घर जाकर कपड़े बचने) का काम करते हैं।
इस वजह से पुलवामा आतंकी आदिल अहमद डार हुआ था आतंकवादी संगठन में शामिल
हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, आदिल अहमद डार के पिता गुलाम हसन का कहना है, उनका बेटा स्कूल के दिनों से ही बदल गया था। जब से उसको स्कूल से आते वक्त कुछ जवानों ने परेशान किया था। उस घटना का जिक्र करते हुए गुलाम हसन हैं, ''वह भी इस दर्द से गुजर चुके हैं, जिस दर्द से आज शहीद जवानों के परिवार वाले गुजर रहे हैं। एक बार की बात है कि जब आदिर डार अपने स्कूल से लौट रहा था तो कश्मीर की पुलिस ने उसे रोक लिया था और जमीन पर उसे कई बार नाक रगड़ने को मजबूर किया था। सुरक्षाबलों ने आदिल की पिटाई भी की थी।''
कश्मीर में पत्थरबाजी के आरोप में सुरक्षाबलों ने आदिल डार को रोका था
पिता गुलाम हसन बताते हैं, इस घटना को आदिल कभी नहीं भूला। वह हर रोज इस घटना को याद करता था। पिता का कहना है कि शायद यही वह वजह से जिसके बाद आदिल ने आतंकवादी संगठन में शामिल होने का मन बना लिया था। आदिल के पिता के मुताबिक, आदिल ने बताया था कि सुरक्षाबलों ने उन्हें कश्मीर में हुए पत्थरबाजी के आरोप में रोका था।
गुलाम हसन के पिता ने कहा, इस घटना के पहले आदिल काफी धार्मिक और समझदारा लड़का था। वह प्रतिदिन अपनी मां के कामों में हाथ बंटाता था। स्कूल में भी आदिल काफी शर्मिला और शांत रहने वाला लड़का था।
आदिल के परिवार को नहीं मिला अंतिम संस्कार के लिए शव
14 फरवरी को पुलवामा में हुए हमले के बाद 15 फरवरी को आदिल के परिवार ने बिना शव के आदिल का अंतिम संस्कार किए। आदिल के रिश्तेदार के भाई शमीर अहमद का कहना है, ''हमें कोई शरीर या शरीर के अंग नहीं मिले। पुलिस ने कहा कि देने के लिए कुछ नहीं है। कोई कब्र नहीं बना डार का।'' शमीर अहमद 22 साल का है। इस हमले में आदिल के परखच्चे उड़ गए थे। घटनास्थल पर उसके हाथ के अलावा कुछ और नहीं था।
पुलवामा जिले के काकापोरा क्षेत्र में डार के गाँव की ओर जाने वाली सड़क की सभी दुकानें बंद थीं। सुरक्षा बलों ने कुछ किलोमीटर आगे सड़क पर नाकाबंदी कर दी और वाहनों को गांव की ओर जाने से रोक दिया। फिर भी, डार के परिवार के घर के पास एक स्कूल के मैदान में आयोजित अंदरूनी लोगों के हजारों लोग उसके जनाने में पहुंचे थे।
आदिल के हमले के बारे में परिवार को नहीं थी भनक
आदिल के रिश्तेदार के भाई शमीर अहमद का कहना है, ''हमने कभी इसकी कल्पना नहीं की थी। जब आदिल के बारे में मीडिया में खबरें आईं तो हमें यकीन नहीं हुआ। तब SHO (स्टेशन हाउस ऑफिसर) ने फोन किया और हमें हमले में शामिल होने के बारे में बताया। इसके पहले हमले जरा सा भी इस बात का भनक नहीं था कि आदिल इतना बड़ा हमला करने जा रहा है।''
स्कूल की पढ़ाई छोड़कर धार्मिक अध्ययन करने लगा था डार
आदिल अहमद डार अपने माता-पिता का दूसरा बेटा है। उसके तीन भाई हैं। 2017 में स्कूल छोड़ने के बाद डार धार्मिक अध्ययन करने लगा था। आदिल का बड़ा बाई बढ़ई(लकड़ी का काम करने वाला) है और छोटा भाई 12 वीं कक्षा पास कर चुका है। आदिल ने कुछ वक्त तक अपने बड़े भाई का लकड़ी के बक्से बनाने का भी काम किया है।
मार्च 2018 के बाद आदिल अपने घर नहीं आया
आदिल के परिवार का कहना है कि मार्च 2018 में घर से किसी काम का बहाना करके चला गया था और ये वो आखिरी मौका था जब परिवार वाले आदिल से मिले थे। बस चलाने वाले उसके चचेरे भाई अहमद ने कहा कि परिवार को इस बात को आइडिया नहीं है कि वह कब और कैसे आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया। अहमद का कहना है कि जब आप आदिल के साथ बैठकर भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच देखेंगे तो डार का परिवार भारतीय टीम के कट्टर समर्थक होंगे।
पुलवामा हमले के बाद आतंकी आदिल अहमद डार का वीडियो हुआ वायरल
आदिल अहमद डार पिछले साल भारतीय सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में बच निकला था। जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से जारी वीडियो में कहा गया है कि आदिल अहमद डार को आतंकवादी संगठन से जुड़ने के बाद ही इस हमले की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी।
JeM releases video of Fidayeen Aadil who carried Fidayeen attack on CRPF on Highway #Pulwama kashmir pic.twitter.com/iPhX1WJTHo
— ممتاز احمد مقبوضہ کشمیر (@Mumtazkashmirii) February 14, 2019
वीडियो में आदिल अहमद डार को वीडियो में कहता दिखाया गया है कि इस वीडियो के सामने आने तक वो "जन्नत पहुंच चुका होगा।" जैश-ए-मोहम्मद के प्रवक्ता मोहम्मद हसन ने दावा किया है कि सीआरपीएफ की दर्जनों गाड़ियों को हमले में नुकसान पहुंचा है। इस काफिले में सीआरपीएफ की करीब 70 गाड़ियाँ थीं जिनमें करीब 2500 जवान सवार थे।
जैश-ए-मोहम्मद ने ली पुलवामा हमले की जिम्मेदारी
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में अब तक 44 जवानों शहीद हुए हैं। जिनमें से 38 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है और 42 जवानों के नाम सामने आए हैं। इस आतंकवादी हमले में 40 से ज्यादा जवान घायल हुए हुए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सीआरपीएफ की बसों पर आतंकवादियों ने निशाना बनाया और उन्हें आईईडी से उड़ा दिया। ऐसा माना जाता है कि इस पूरे हमले की योजना एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान ने बनायी थी जो जैश ए मोहम्मद का सदस्य है । कामरान, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा तथा त्राल इलाके में सक्रिय है।
पुलवामा आतंकवादी हमला के बाद भारत ने पाकिस्तान से सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा लिया वापस
पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के बाद भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान को दिया गया सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा वापस ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया।