पुलवामा हमलाः शहीद जवानों के घर से एकत्रित मिट्टी का कलश CRPF को सौंपा, याद में स्मारक का उद्घाटन
By भाषा | Published: February 14, 2020 08:45 PM2020-02-14T20:45:45+5:302020-02-14T20:45:45+5:30
पुलवामा हमले की बरसी पर यहां लेथपुरा शिविर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के परिसर में शहीद स्तंभ पर यह कलश रखा गया। पिछले साल आज की तारीख में ही हुए इस हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे। उमेश गोपीनाथ ने सीआरपीएफ के 40 शहीद जवानों के परिवारों से मिलने के लिए 61 हजार किलोमीटर की यात्रा की और उनके घरों से मिट्टी ली।
पुलवामा आतंकी हमले में पिछले साल शहीद हुए सभी जवानों के घर से मिट्टी एकत्रित कर महाराष्ट्र के एक व्यक्ति ने उसका कलश शुक्रवार को सीआरपीएफ को सौंपा।
पुलवामा हमले की बरसी पर यहां लेथपुरा शिविर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के परिसर में शहीद स्तंभ पर यह कलश रखा गया। पिछले साल आज की तारीख में ही हुए इस हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे। उमेश गोपीनाथ ने सीआरपीएफ के 40 शहीद जवानों के परिवारों से मिलने के लिए 61 हजार किलोमीटर की यात्रा की और उनके घरों से मिट्टी ली।
सीआरपीएफ ने ट्वीट किया कि महाराष्ट्र के उमेश गोपीनाथ ने सीआरपीएफ को कलश सौंपा। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अदील अहमद डार ने जिस जगह पर विस्फोटकों से लदी कार को सीआरपीएफ के एक काफिले के पास उड़ा दिया था, उस स्थान के पास ही सीआरपीएफ के एक शिविर के भीतर 40 शहीदों का स्मारक बनाया गया है।
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवानों की याद में स्मारक का उद्घाटन
पुलवामा आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सीआरपीएफ के जवानों की याद में शुक्रवार को बल के लेथपुरा कैंप में एक स्मारक का उद्घाटन किया गया। स्मारक में सभी 40 शहीद जवानों की तस्वीरों के साथ उनके नामों और सीआरपीएफ का ध्येय वाक्य-- 'सेवा एवं निष्ठा' को अंकित किया गया है।
इस दौरान महाराष्ट्र के उमेश गोपीनाथ ने 40 जवानों के घरों से कलश में जुटाई मिट्टी सीआरपीएफ को पेश की। उन्होंने शहीदों के परिवारों से मुलाकात करने के लिये 61 हजार किलोमीटर की यात्रा की। सीआरपीएफ का लेथपुरा कैंप उस जगह के ठीक बगल में है, जहां जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी आदिल अहमद डार ने विस्फोटक से भरी जीप से सीआरपीएफ के जवानों के काफिले में शामिल बस को टक्कर मार दी थी।
A Martyrs Column dedicated to the memory of the 40 CRPF Martyrs was inaugurated at @crpfindia Training Node Pulwama.
— CRPF Madadgaar (@CRPFmadadgaar) February 14, 2020
Sh Zulfiquar Hasan, SDG @JKZONECRPF, Sh Rajesh Kumar, IG @KOSCRPF alongside other Officers paid homage to the Martyrs by laying wreath at the Martyrs Column. pic.twitter.com/mjFl6LGKyH
पुलवामा हमले की एनआईए जांच के अब आगे बढ़ने का रास्ता नहीं
पिछले साल पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के पांच षड्यंत्रकारियों या इसे अंजाम देने वालों के सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारे जाने के साथ इस घटना की जांच उस बिंदु पर पहुंच गई है, जहां से संभवत: इसके आगे बढ़ने का कोई रास्ता नहीं है। हालांकि, इस मामले ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के लिए अनोखी चुनौतियां पेश की क्योंकि इस हमले को अंजाम देने वालों या इसके सरगना के बारे में कोई ठोस सूचना उपलब्ध नहीं है। एनआईए का गठन 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद किया गया था।
जांच में शामिल रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हमारे लिए यह अंधेरे में हाथ पैर मारने जैसा एक मामला था। दबी जुबान से कई तरह की बातें की जा रही थीं लेकिन हर चीज के कानूनी पहलू का ध्यान रखना था।’’ अधिकारी ने बताया कि पहली चुनौती तो आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार द्वारा हमले में इस्तेमाल की गई कार के असली मालिक का पता लगाना था। जबकि अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रो ग्लीसरीन और आरडीएक्स जैसे विस्फोटकों से लदा वाहन नष्ट हो गया था।
उन्होंने बताया कि हालांकि फॉरेंसिक पद्धतियों और बहुत ही सावधानीपूर्वक की गई जांचों से कार के सीरियल नंबर का पता लगाया गया और कुछ ही समय में वाहन के मालिकाना हक का शुरू से अंत तक पता कर लिया गया। जबकि इस विस्फोट में कार के परखच्चे उड़ गए थे। हालांकि, कार का अंतिम मालिक एवं अनंतनाग जिला स्थित बिजबेहरा निवासी सज्जाद भट 14 फरवरी के (पुलवामा) आतंकी हमले से कुछ ही घंटे पहले लापता हो गया और जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन में शामिल हो गया।
वह पिछले साल जून में एक मुठभेड़ में मारा गया। उन्होंने बताया, ‘‘यह स्पष्ट है कि आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार था लेकिन यह साक्ष्य से भी स्थापित करना पड़ा। विभिन्न स्थानों से मानव अवशेषों को जुटा कर उन्हें डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए भेजा गया।’’
अधिकारी ने बताया, ‘‘आत्मघाती हमलावर की पहचान कर ली गई और कार के मलबे से लिए गए डीएनए के नमूनों का उसके पिता के डीएनए से मिलान कर पुष्टि की गई।’’ उन्होंने कहा कि मुदसीर अहमद खान, कारी मुफ्ती यासीर और कामरान सहित अन्य षड्यंत्रकारियों की भूमिका उजागर हुई लेकिन वे सभी सुरक्षा बलों के साथ विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए।
पिछले साल 10 मार्च को खान, 29 मार्च को कामरान, 18 जून को सज्जाद मारा गया जबकि कारी इस साल 25 जनवरी को मुठभेड़ में मारा गया। जैश ए मोहम्मद के प्रवक्ता मोहम्मद हसन के एक वीडियो में इस हमले की उसके संगठन द्वारा जिम्मेदारी लेने के बाद इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया और इंटरनेट प्रोटोकॉल पते से पाकिस्तान स्थित एक कंप्यूटर से इसे जारी किए जाने के बारे में जानकारी मिली।
अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान एनआईए ने जैश ए मोहम्मद के सदस्यों की सक्रियता के एक अन्य मामले का पता लगाया। उन्होंने बताया, ‘‘ इस मामले में आरोप पत्र में अब तक आठ लोगों को नामजद किया गया है।’’