किरण बेदी का 'बेतुका' फरमान: खुले शौचालय वाले गांवों को मुफ्त चावल नहीं
By खबरीलाल जनार्दन | Published: April 28, 2018 03:21 PM2018-04-28T15:21:43+5:302018-04-28T15:24:30+5:30
किरण बेदी ने एक के बाद एक ट्वीट कर के जानकारी दी है कि उन्होंने अपनी ग्रामीण प्रबंधन टीम 'राज निवास' की रिपोर्ट के बाद यह फरमान जारी किया है।
यनम, 28 अप्रैलः पांडिचेरी की एलजी किरण बेदी ने शनिवार को एक फरमान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा है कि अब इस केंद्र शासित प्रदेश के खुले शौचालयों वाले गांवों को मुफ्त मिलने वाले चावल अब नहीं मिलेंगे। साथ ही उन गावों को भी बिना दाम के चावल नहीं मिलेंगे, जो गांव कूड़े से मुक्त नहीं है।
किरण बेदी ने एक के बाद एक ट्वीट कर के जानकारी दी है कि उन्होंने अपनी ग्रामीण प्रबंधन टीम 'राज निवास' की रिपोर्ट के बाद यह फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि इस वक्त इस केंद्र शासित प्रदेश में चावल वितरण की स्कीम चल रही है। इसके तहत करीब प्रदेश की करीब 50 फीसदी जनता लाभान्वित हो रहे हैं।
Linked Free Rice distribution to respective constituency MLAs & Commune Commisioners Certifying villages open defecation free and of strewn garbage and plastic.
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) April 28, 2018
Free Rice reaches out to more than half d population primarily in rural areas
This is d learning of morning round today pic.twitter.com/CCIaVAGdDT
लेकिन अब किरण बेदी ने इसमें शर्तें लागू कर दी हैं। उन्होंने प्रशासन से इसके तहत उन्हीं गांवों को लाभ पहुंचाया जाएगा जिसे शौचलय और कूड़े को लेकर प्रशासन ने प्रमाणित कर दिया गया हो।
हालांकि आईएसएस ऑफिसर एमजी देवसहायम इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा, 'कोई भी ऐसा आदेश नहीं दे सकता। मुख्यमंत्री भी नहीं। खुद मुख्यमंत्री भी ऐसा निर्देश नहीं जारी कर सकते। एलजी ने एक बार फिर ऐसी शक्तियों के इस्तेमाल की कोशिश की है जो उनके पास है हीं नहीं।'
उन्होंने आगे जोड़ा, देश के एक नागरिक होने के नाते आपको खाने का अधिकार है। एलजी का बयान एकदम बेतुका है।