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राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में CAA के खिलाफ प्रस्ताव लाया जायेगा, 24 जनवरी से शुरू हो रहा सेशन

By भाषा | Updated: January 19, 2020 20:42 IST

पिछले साल बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों में से एक विधायक वाजिब अली ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र भेजकर सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया था।

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ठळक मुद्देअली ने कहा कि देश भर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। संशोधित अधिनियम संविधान की भावना के खिलाफ है और यह सामाजिक अशांति पैदा कर रहा है।

कांग्रेस शासित राजस्थान ने 24 जनवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि इस सत्र में अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के तहत जो संविधान का संशोधन हुआ उसका अनुमोदन करने के लिये बुलाया गया है। इसका अनुमोदन 25 जनवरी से पूर्व किया जाना जरूरी था इसलिये 24 जनवरी से सत्र बुलाया गया है।

उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सरकार की ओर से लाये जाने वाले प्रस्ताव पर कहा कि कांग्रेस के विचार सीएए के खिलाफ हैं इसलिये सत्र के दौरान सीएए के विरोध में प्रस्ताव लाने की संभावना है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि विधानसभा सत्र के पहले दिन ही इस प्रस्ताव के पास होने की संभावना है।

पिछले साल बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों में से एक विधायक वाजिब अली ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र भेजकर सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया था। अली ने कहा कि देश भर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। संशोधित अधिनियम संविधान की भावना के खिलाफ है और यह सामाजिक अशांति पैदा कर रहा है। वहीं प्रतिपक्ष भाजपा ने कहा कि सरकार द्वारा विधानसभा में सीएए के खिलाफ लाये जा रहे प्रस्ताव का मजबूती से विरोध करेगी।

भाजपा ने सरकार पर आनन फानन में विधानसभा सत्र बुलाने का आरोप लगाया है। विधानसभा के प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र सिंह राठौड ने कहा कि सरकार ने आनन-फानन में जिस तरह से विधानसभा का सत्र आहूत किया है वो विधानसभा के नियम और प्रक्रियाओं की अवहेलना पूर्णता की गई हैं। संविधान के प्रावधानों के बिल्कुल विपरीत किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और मुख्यमंत्री विधानसभा को भी गंभीरता से नहीं लेते।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और विधायक सतीश पूनियां ने कहा कि हम लोग सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि चाहे मुख्यमंत्री हो, सरकार हो, या पार्टी कोई भी कानून से उपर नहीं है। केरल और पंजाब ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पहले ही प्रस्ताव पारित कर दिया है। सीएए के विरोध में हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और हिंसात्मक घटनाएं घटित हो चुकी हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार कह चुके है कि राज्य सरकार राज्य में सीएए और एनआरसी को लागू नहीं करेगी। मुख्यमंत्री गहलोत विवादास्पद कानून के खिलाफ मुखर रहे हैं और पिछले महीने सीएए के खिलाफ जयपुर में एक विशाल और शांतिपूर्ण रैली आयोजित की थी। गहलोत ने विभिन्न अवसरों पर स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी सरकार सीएए और एनआरसी को राज्य में लागू नहीं करेगी। उन्होंने पहले कहा था, “नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि यह व्यावहारिक नहीं है।” 

टॅग्स :नागरिकता संशोधन कानूनराजस्थान सरकारराजस्थान
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