संपत्ति कर के आदेश पर नरम पड़ा जम्मू-कश्मीर प्रशासन, एलजी मनोज सिन्हा ने कहा- जनता के परामर्श से किया जाएगा लागू

By रुस्तम राणा | Published: February 25, 2023 06:43 PM2023-02-25T18:43:12+5:302023-02-25T18:43:36+5:30

जम्मू-कश्मीर के एलजी ने कहा, "राज्य में संपत्ति कर का कार्यान्वयन आम जनता के परामर्श से किया जाएगा। आम नागरिकों के हितों की रक्षा की जाएगी।"

Property tax to be implemented in consultation with public says J&K L-G Manoj Sinha | संपत्ति कर के आदेश पर नरम पड़ा जम्मू-कश्मीर प्रशासन, एलजी मनोज सिन्हा ने कहा- जनता के परामर्श से किया जाएगा लागू

संपत्ति कर के आदेश पर नरम पड़ा जम्मू-कश्मीर प्रशासन, एलजी मनोज सिन्हा ने कहा- जनता के परामर्श से किया जाएगा लागू

Highlightsजम्मू-कश्मीर के एलजी ने कहा, "राज्य में संपत्ति कर का कार्यान्वयन आम जनता के परामर्श से किया जाएगासंपत्ति कर शहरों की वित्तीय आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करेगा और सार्वजनिक सुविधाओं में सुधार करेगासंपत्ति कर से जुड़े आदेश का व्यापक रूप से सियासी दलों और विभिन्न संगठनों द्वारा हो रहा है विरोध

श्रीनगर: संपत्ति कर को लेकर आक्रोश के बीच जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि इसे आम जनता के परामर्श से लागू किया जाएगा। उन्होंने एक बयान में कहा, संपत्ति कर शहरों की वित्तीय आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करेगा और सार्वजनिक सुविधाओं में सुधार करेगा।

जम्मू-कश्मीर के एलजी ने कहा, "राज्य में संपत्ति कर का कार्यान्वयन आम जनता के परामर्श से किया जाएगा। आम नागरिकों के हितों की रक्षा की जाएगी।" उन्होंने कहा कि नागरिकों का कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और संपत्ति कर वित्तीय स्व को सुनिश्चित करेगा। इससे केंद्र शासित प्रदेश में स्थिरता आएगी और सार्वजनिक सुविधाओं में सुधार होगा।"

उन्होंने अपनी बात को आगे जोड़ते हुए कहा, हमारे शहरों में तेजी से विकास होना चाहिए और विकास के इंजन के रूप में उभरना चाहिए। इसके लिए, शहरों की वित्तीय आत्मनिर्भरता आवश्यक है। जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर देश में सबसे कम होगा और इसका उपयोग जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक सुविधाओं में सुधार के लिए किया जाएगा।"

सिन्हा ने संपत्ति कर की शुरूआत का विरोध करने वालों की भी आलोचना करते हुए कहा, "हम हर सुविधा चाहते हैं लेकिन कुछ भी भुगतान करने के लिए तैयार नहीं हैं। लोगों को इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।" उन्होंने कहा कि देश में सबसे कम संपत्ति कर होने के बावजूद लोग इस पर अनावश्यक हल्ला बोल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि लोग सर्वोच्च हैं और उनके हितों को देखना प्रशासन का कर्तव्य है, लेकिन जो सेवाओं के लिए भुगतान करने में सक्षम हैं, वे भी भुगतान करने में रुचि नहीं रखते हैं। उनके पास आईफोन खरीदने, इंटरनेट डेटा पैक और वीडियो गेम खेलने के लिए पैसे हैं। लेकिन करों का भुगतान करने के लिए तैयार नहीं हैं।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार को नगरपालिका क्षेत्रों में 1 अप्रैल से संपत्ति कर लगाने का आदेश दिया था, जिसके बाद इस आदेश का व्यापक रूप से विरोध हुआ। राजनीतिक दलों ने आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है। जम्मू बार एसोसिएशन सहित विभिन्न संगठनों ने अपना आंदोलन तेज करने की धमकी दी।

सरकारी अधिसूचना के अनुसार, कर की दरें आवासीय संपत्तियों के लिए कर योग्य वार्षिक मूल्य का 5 प्रतिशत और व्यावसायिक संपत्तियों के लिए 6 प्रतिशत रखी गई हैं। 

Web Title: Property tax to be implemented in consultation with public says J&K L-G Manoj Sinha

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