मोदी सरकार की पहल से रक्षा उत्पादन में बढ़ रही निजी क्षेत्र की भागीदारी, 2025 तक 35 हजार करोड़ के हथियार एक्सपोर्ट करेगा भारत
By भाषा | Updated: July 14, 2019 17:40 IST2019-07-14T17:40:53+5:302019-07-14T17:40:53+5:30
पिछले वित्त वर्ष में रक्षा उत्पादों का निर्यात 10,700 करोड़ रुपये का हुआ था। चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है।

मोदी सरकार की पहल से रक्षा उत्पादन में बढ़ रही निजी क्षेत्र की भागीदारी, 2025 तक 35 हजार करोड़ के हथियार एक्सपोर्ट करेगा भारत
हाल के वर्षों में निर्यात में जारी वृद्धि को देखते हुये 2024-25 तक रक्षा उत्पादों का निर्यात 35,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर लेने का अनुमान है। रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव अजय कुमार ने पीटीआई- भाषा से यह बात कही। कुमार ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि 2024-25 तक निर्यात 35,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि इस निर्यात में रक्षा कल-पुर्जों की अहम भूमिका है। कुमार ने कहा कि यहां रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ी है। उन्होंने यहां भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स पर रक्षा उत्पादन के लिए सुविधा केंद्र का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा निर्यात बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यह एक बड़े पत्थर की तरह है जिसे हिलाना संभव नहीं लेकिन यदि इसने एक बार लुढ़कना शुरू कर दिया तो इसमें सिर्फ तेजी ही आ सकती है।’’
पिछले वित्त वर्ष में रक्षा उत्पादों का निर्यात 10,700 करोड़ रुपये का हुआ था। चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पहले ही 5,600 करोड़ रुपये का निर्यात किया जा चुका है।
इससे पहले वित्त वर्ष 2016-17 में रक्षा निर्यात 1,500 और 2017-18 में 4,500 करोड़ रुपये का हुआ था। कुमार ने कहा कि सरकार निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिये कई कदम उठा रही है। खासतौर से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र (एमएसएमई) को रक्षा उत्पादन क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिये मौजूदा उत्पादन नीति में प्रोत्साहन दिया गया है।