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डीजीपी सम्मेलन में प्रधानमंत्री को आंतरिक सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया गया

By भाषा | Updated: December 3, 2020 00:37 IST

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नयी दिल्ली, दो दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया गया और यह भी बताया गया कि जन अनुकूल कदमों से इसमें कैसे सुधारा लाया जा सकता है।

डिजिटल माध्यम से हो रहे पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) के 55वें वार्षिक सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा प्रस्तुत की गई।

एक सरकारी बयान में बताया गया है कि मोदी डिजिटल माध्यम से सम्मेलन में शामिल हुए और पिछले सम्मलेन की कार्रवाई बिंदुओं की समीक्षा की।

बयान में बताया गया कि और जन अनुकूल कदमों के साथ समग्र सुरक्षा परिदृश्य में सुधार करने पर चर्चा की गई।

अपने संबोधन में शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर नीतिगत मुद्दों को रेखांकित किया और संकट एवं आपदा प्रबंधन में अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के तौर पर पुलिस की भूमिका की सराहना की।

उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।

नागरिकों की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर देते हुए गृह मंत्री ने आपात स्थिति और आपदाओं से निपटने में पुलिस की क्षमता निर्माण की अहमियत को रेखांकित किया।

शाह ने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य में सुरक्षा एजेंसियों की पहुंच समन्वित होनी चाहिए और भारत को विकसित एवं सुरक्षित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को हासिल किया जाना चाहिए।

बयान में बताया गया कि वाम चरमपंथ के खतरे को रोकने के लिए राज्यों के साथ मिलकर समन्वित कार्रवाई पर जोर दिया गया।

इसके अलावा कोविड-19 महामारी के दौरान पुलिस की भूमिका एवं पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रोटोकॉल को लागू करने पर भी चर्चा हुई।

सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के डीजीपी और आईजीपी स्तर के करीब 250 अधिकारी खुफिया ब्यूरो द्वारा डिजिटल तरीके से आयोजित चार दिवसीय सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री शाह के कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री ने नयी दिल्ली में आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अखिल भारतीय डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन-2020 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। गृह मंत्री ने डिजिटल तरीके से बहादुर अधिकारियों को उनकी विशिष्ट सेवा के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया।’’

कोरोना वायरस महामारी के बीच देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों का सम्मेलन पहली बार डिजिटल तरीके से आयोजित हो रहा है।

एक अनुमान के मुताबिक देश में करीब 80,000 पुलिसकर्मी और अर्द्धसैन्यकर्मी कोविड-19 से संक्रमित हुए और वायरस से जूझते हुए करीब 650 कर्मियों की जान चली गयी।

वर्ष 2014 के बाद से डीजीपी और आईजीपी की बैठकों का प्रारूप, आयोजन स्थल, विचार-विमर्श का विषय लगातार बदलते रहा है। वर्ष 2014 के पहले मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा के मसलों पर ही विचार-विमर्श किया जाता था।

हर साल डीजीपी और आईजीपी अधिकारियों का सम्मेलन होता है जिसमें राज्यों और केंद्र के अधिकारी महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं । नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार 2014 में सत्ता में आने के बाद से राष्ट्रीय राजधानी के बाहर इसका आयोजन कर रही है ।

इससे पहले सम्मेलन गुवाहाटी, गुजरात में कच्छ का रण, हैदराबाद, मध्यप्रदेश में टेकनपुर, गुजरात के केवडिया और महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित हुआ था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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