देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, जीएसटी से ‘एक देश, एक कर, एक बाजार’ की सोच साकार

By भाषा | Published: June 20, 2019 01:28 PM2019-06-20T13:28:11+5:302019-06-20T13:28:11+5:30

संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च आर्थिक वृद्धि दर को बनाये रखने के लिये सुधार प्रक्रिया जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘जीडीपी के संदर्भ में देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और हमारा 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है।’’

President Ram Nath Kovind begins his address of the joint session of both the Houses at the Parliament. | देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, जीएसटी से ‘एक देश, एक कर, एक बाजार’ की सोच साकार

पूरे विश्व में भारत की एक नयी पहचान बनी है तथा अन्य देशों के साथ हमारे संबंध और मजबूत हुए हैं।

Highlightsआज भारत दुनिया में तीव्र आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। मुद्रास्फीति कम है, राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है।राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार ने किसानों के लाभ के लिये कृषि नीति को उत्पादन के साथ आय केंद्रित बनाया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संदर्भ में देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है और हमारा 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है।

संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च आर्थिक वृद्धि दर को बनाये रखने के लिये सुधार प्रक्रिया जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘जीडीपी के संदर्भ में देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और हमारा 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है।’’

कोविंद ने कहा, ‘‘लोगों के जीवनस्तर में सुधार में आर्थिक विकास अहम भूमिका निभाता है। आज भारत दुनिया में तीव्र आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। मुद्रास्फीति कम है, राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है और ‘मेक इन इंडिया’ का प्रभाव बिल्कुल साफ है।’’

कृषि के बारे में उन्होंने कहा कि किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने के लिये पिछले पांच साल में कई कदम उठाये गये हैं। इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाना और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्षण विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी शामिल हैं।

इसके अलावा दशकों से अटकी सिंचाई परियोजनाओं का पूरा किया गया है तथा फसल बीमा योजना लागू की गयी है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस कड़ी में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि महत्वपूर्ण है। इसके जरिये केवल तीन महीनों में 12,000 करोड़ रुपये वितरित किये गये हैं।

इस योजना के दायरे में अब सभी किसानों को लाया गया है। इस पर सालाना 90,000 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार ने किसानों के लाभ के लिये कृषि नीति को उत्पादन के साथ आय केंद्रित बनाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी लागू होने से ‘एक देश, एक कर, एक बाजार’ की सोच साकार हुई है। हम जीएसटी को और अधिक सरल बनाने के प्रयास जारी रखेंगे।’’ प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘डीबीटी की वजह से अब तक एक लाख 41 हजार करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचे हैं।

लगभग 8 करोड़ गलत लाभार्थियों के नाम हटा दिए गए हैं।’’ कोविंद ने कहा, ‘‘काले धन के खिलाफ शुरू की गई मुहिम को और तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा। पिछले दो वर्ष में 4 लाख 25 हजार निदेशकों को अयोग्य घोषित किया गया है और 3 लाख 50 हजार संदिग्ध कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूरे विश्व में भारत की एक नयी पहचान बनी है तथा अन्य देशों के साथ हमारे संबंध और मजबूत हुए हैं। वर्ष 2022 में भारत जी-20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा। ’’ राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि नई औद्योगिक नीति की घोषणा जल्द ही की जाएगी। 

Web Title: President Ram Nath Kovind begins his address of the joint session of both the Houses at the Parliament.

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे