महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, जानें कितने दिन का है लंदन दौरा
By मनाली रस्तोगी | Published: September 14, 2022 03:01 PM2022-09-14T15:01:09+5:302022-09-14T15:04:39+5:30
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने और भारत सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 17 से 19 सितंबर 2022 को लंदन का दौरा करेंगी।
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 17 से 19 सितंबर 2022 को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने और भारत सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त करने के लिए लंदन, यूनाइटेड किंगडम का दौरा करेंगी। ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गत गुरुवार 8 सितंबर को 96 साल की उम्र में बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया था। वह 70 साल से ब्रिटेन में शासन कर रही थीं।
बताते चलें कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का पार्थिव शरीर मंगलवार शाम को स्कॉटलैंड से लंदन पहुंचा। उनके ताबूत को अंतिम रात बकिंघम पैलेस में रखा जाएगा। महारानी के ताबूत को बुधवार से चार दिन के लिए वेस्टमिंस्टर हॉल में रखा जाएगा और सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। महारानी का ताबूत जब लंदन के लिए एडिनबरा हवाई अड्डे से भेजा गया तब वहां पर राष्ट्रगान की धुन बजाई गई।
President Droupadi Murmu will be visiting London, United Kingdom on 17-19 September 2022 to attend the State Funeral of Queen Elizabeth II & offer condolences on behalf of the Government of India.
— ANI (@ANI) September 14, 2022
(File photos) pic.twitter.com/Nir194MBHg
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताबूत के साथ उनकी बेटी प्रिसेंस एनी भी थीं जो रॉयल एयरफोर्स (आरएएफ) के विमान से एडिनबरा से लंदन साथ आई हैं। महारानी के ताबूत को जिस विमान से लाया गया है उसका इस्तेमाल पूर्व में मानवीय सहायता में किया जाता रहा है। आरएएफ के पश्चिमी लंदन स्थित नार्थहॉल्ट हवाई ठिकाने पर विमान के उतरते ही महारानी के ताबूत को सड़क मार्ग से मध्य लंदन स्थित बकिंघम पैलेस के लिए ले जाया गया।
महाराजा चार्ल्स तृतीय जो मंगलवार को उत्तरी आयरलैंड की यात्रा पर थे ताबूत की आगवानी करने के लिए पहले ही अपनी पत्नी कैमिला के साथ शाही आवास पर पहुंच चुके थे। ताबूत लंदन पहुंचने और बकिंघम पैलेस भेजे जाने से पहले आरएएफ की तरफ से सलामी गारद दी गई।