स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया राष्ट्र को संबोधित, देश के विकास को बताया अधिक समावेशी

By रुस्तम राणा | Published: August 14, 2022 07:31 PM2022-08-14T19:31:59+5:302022-08-14T20:06:54+5:30

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, देश का विकास अधिक समावेशी होता जा रहा है और क्षेत्रीय असमानताएं भी कम हो रही हैं।

President Droupadi Murmu addresses the country on eve of Independence Day | स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया राष्ट्र को संबोधित, देश के विकास को बताया अधिक समावेशी

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया राष्ट्र को संबोधित, देश के विकास को बताया अधिक समावेशी

Highlightsकहा- भारत की मिट्टी में न केवल लोकतंत्र की जड़ें बढ़ीं, बल्कि समृद्ध भी हुईं।महामहिम बोलीं- 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।कहा - भारत ने शुरूआत से सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया। 

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित किया। देश की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति ने इस अवसर पर देश की आर्थिक तरक्की, महिला अधिकार और पर्यावरण समेत तमाम विषयों को छुआ। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, देश का विकास अधिक समावेशी होता जा रहा है और क्षेत्रीय असमानताएं भी कम हो रही हैं।

महामहिम ने कहा, लोकतंत्र की वास्तविक क्षमता का पता लगाने में दुनिया की मदद करने का श्रेय भारत को दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, हम भारतीयों ने संदेह जताने वाले लोगों को गलत साबित किया। इस मिट्टी में न केवल लोकतंत्र की जड़ें बढ़ीं, बल्कि समृद्ध भी हुईं।

15 अगस्त की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने राष्ट्र से कहा, 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस स्मृति दिवस को मनाने का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, मानव सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देना है।

देश में महिला अधिकार और उनके सशक्तिकरण पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अधिकांश लोकतान्त्रिक देशों में वोट देने का अधिकार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था। लेकिन हमारे गणतंत्र की शुरुआत से ही भारत ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया। 

उन्होंने कहा, लैंगिक असमानता कम हो रही है, महिलाएं कई क्षेत्रों में सफलता की इबारत गढ़ रही हैं। हमारी बेटियां देश की सबसे बड़ी उम्मीद हैं। फाइटर पायलट बनने से लेकर अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने तक, हमारी बेटियां बड़ी ऊंचाइयों को छू रही हैं।

राष्ट्रपति ने कहा, भारत में आज संवेदनशीलता व करुणा के जीवन-मूल्यों को प्रमुखता दी जा रही है। इन जीवन-मूल्यों का मुख्य उद्देश्य हमारे वंचित, जरूरतमंद तथा समाज के हाशिये पर रहने वाले लोगों के कल्याण हेतु कार्य करना है। 

पर्यावरण पर चिंता व्यक्त करते हुए मुर्मू ने कहा, आज जब हमारे पर्यावरण के सम्मुख नई-नई चुनौतियां आ रही हैं तब हमें भारत की सुंदरता से जुड़ी हर चीज का दृढ़तापूर्वक संरक्षण करना चाहिए। जल, मिट्टी और जैविक विविधता का संरक्षण हमारी भावी पीढ़ियों के प्रति हमारा कर्तव्य है। 

Web Title: President Droupadi Murmu addresses the country on eve of Independence Day

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