लोकसभा उपचुनावः योगी आदित्यनाथ के गढ़ की सीट पर प्रवीण निषाद ने किया कब्जा, जानिए कौन हैं ये?
By रामदीप मिश्रा | Published: March 14, 2018 04:51 PM2018-03-14T16:51:45+5:302018-03-14T16:51:45+5:30
गोरखपुर लोकसभा सीट परिणाम घोषित: पर उपचुनाव के लिए बीते 11 मार्च को वोटिंग हुई थी, जिसमें गोरखपुर सीट पर कुल 43 फीसदी मतदान हुआ।
लखनऊ, 14 मार्चः उत्तर प्रदेश के गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने तगड़ा झटका दिया है। बीजेपी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोचा भी नहीं होगा कि उनके हाथ से गोरखपुर की लोकसभा सीट चली जाएगी क्योंकि आदित्यनाथ लगातार पांच बार यहीं से सांसद रहे हैं। बीजेपी के लिए यह सीट साख पर लगी थी, जिसे वह बचा नहीं पाई है। प्रवीण निषाद ने भाजपा के उपेंद्र शुक्ला को 45456 वोट से मात दी।
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पेशे से रहे हैं इंजीनियर
प्रवीण निषाद पेशे से इंजीनयर रहे हैं। वह निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के बेटे हैं। प्रवीण लोकसभा उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सपा में शामिल हुए। वह राजनीति में सक्रीय हैं, यही वजह रही है सपा ने विश्वास जताकर उन्हें टिकट दिया। प्रवीण कुमार ने साल 2009 में एनआईईटी ग्रेटर नोएडा से बीटेक (मैकेनिकल ब्रांच) की है और इंडो एलोसिस इंडस्ट्रीज लिमिटेड भिवाड़ी, राजस्थान में बतौर प्रोडक्शन मैनेजर तकरीबन तीन वर्षों तक काम कर किया है।
कई संगठनों में जिम्मेदार पदों पर
प्रवीण ने प्रोडक्शन मैनेजर रहते हुए सिक्किम मनीपाल यूनिवर्सिटी से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में एमबीए की डिग्री हासिल की। वह राष्ट्रीय एकता परिषद और अन्य कई संगठनों में जिम्मेदार पदों पर रहे हैं। प्रवीण के पिता ने साल 2016 में निषाद पार्टी का गठन किया, जिसमें उन्हें प्रदेश प्रभारी बनाया गया। इसके बाद से ही उन्होंने राजनीति में उनकी सबसे ज्यादा सक्रीयता बढ़ी।
बीजेपी ने उपेंद्र शुक्ला को उतारा था मैदान में
आपको बता दें कि गोरखपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बीते 11 मार्च को वोटिंग हुई थी, जिसमें गोरखपुर सीट पर कुल 43 फीसदी मतदान हुआ। बीजेपी ने अगड़े-पिछड़ों का सामंजस्य बिठाते हुए गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए उपेंद्र शुक्ला को टिकट दिया था। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा की सहयोगी रही कांग्रेस ने गोरखपुर सीट पर अपना अलग प्रत्याशी डॉ. सुरहिता चटर्जी करीम को मैदान में उतारा, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने सपा उम्मीदवार को अपना समर्थन देने का ऐलान किया था।
बीजेपी की साख को लगा बड़ा धक्का
गोरखपुर की सीट गोरखनाथ मठ की मानी जाती रही है। यहां दशकों से मठ के महंत ही सांसद चुने जाते रहे हैं। पहले महंत अवैद्यनाथ और फिर लगातार 1998 से लगातार योगी आदित्यनाथ। प्रवीण के जीत हासिल करते ही बीजेपी की साख को बड़ा धक्का लगा है। इस उपचुनाव को 2019 के लोकसभा चुवान का सेमीफाइन कहा जा रहा था, जिसमें बीजेपी को बड़ी असफलता हाथ लगी है।