स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी की आगामी किताब में सोनिया और मनमोहन को बताया 2014 में कांग्रेस की हार का ज़िम्मेदार

By सतीश कुमार सिंह | Published: December 12, 2020 04:15 PM2020-12-12T16:15:03+5:302020-12-12T17:52:27+5:30

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब ‘द प्रेसिडेंशियल ईयर्स’ जनवरी में आएगी। किताब में मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के साथ रिश्तों को साझा किया है।

pranab mukharjee wrote in memoir blamed sonia gandhi and manmohan singh congress defeat 2014 | स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी की आगामी किताब में सोनिया और मनमोहन को बताया 2014 में कांग्रेस की हार का ज़िम्मेदार

कांग्रेस कई राज्य में सत्ता गंवा चुकी है। इस संस्मरण के आने के बाद हंगामा होना तय है। (file photo)

Highlights2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार हुई थी।भाजपा ने 282 सीट पर कब्जा करते हुए केंद्र में सरकार बनाई।

नई दिल्लीः भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मृत्यु के बाद प्रकाशित हो रहे उनके संस्मरण में लिखा है कि 2004 में वह प्रधानमंत्री बनते तो कांग्रेस 2014 चुनाव नहीं हारती। 

मुखर्जी अपने निधन से पहले संस्मरण ‘द प्रेसिडेंशियल ईयर्स’ को लिख चुके थे। रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक जनवरी, 2021 से पाठकों के लिए उपलब्ध होगी। प्रणब मुखर्जी का अगस्त 2020 में निधन हो गया था।

संस्मरण में लिखा है कि 2014 लोकसभा चुनाव में हार के लिए कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जिम्मेदार हैं। कांग्रेस कई राज्य में सत्ता गंवा चुकी हैं। इस संस्मरण के आने के बाद हंगामा होना तय है। 

पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत प्रणब मुखर्जी ने अपने संस्मरण में लिखा है कि उनके सर्वोच्च संवैधानिक पद पर चुने जाने के बाद कांग्रेस राजनीतिक दिशा से भटक गयी और कुछ पार्टी सदस्यों का यह मानना था कि अगर 2004 में वह प्रधानमंत्री बनते तो 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए करारी हार वाली नौबत नहीं आती।

गत 31 अगस्त को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया था

उनका कोरोना वायरस संक्रमण के बाद हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के करण गत 31 अगस्त को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। पुस्तक में कांग्रेस के संदर्भ में उनकी टिप्पणी उस वक्त सामने आ रही है जब पार्टी आंतरिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है।

इस पुस्तक में मुखर्जी लिखते हैं, ‘‘कुछ पार्टी सदस्यों का यह मानना था कि अगर 2004 में वह प्रधानमंत्री बनते तो 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस करारी हार वाली स्थिति में नहीं आती। हालांकि इस राय से मैं इत्तेफाक नहीं रखता। मैं यह मानता हूं कि मेरे राष्ट्रपति बनने के बाद पार्टी नेतृत्व ने राजनीतिक दिशा खो दी । सोनिया गांधी पार्टी के मामलों को संभालने में असमर्थ थीं, तो मनमोहन सिंह की सदन से लंबी अनुपस्थिति से सांसदों के साथ किसी भी व्यक्तिगत संपर्क पर विराम लग गया।’’

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि शासन करने का नैतिक अधिकार प्रधानमंत्री के साथ निहित होता है। देश की संपूर्ण शासन व्यवस्था प्रधानमंत्री और उनके प्रशासन के कामकाज का प्रतिबिंब होती है। डॉक्टर सिंह गठबंधन को बचाने में ध्यानमग्न रहे जिसका शासन पर असर हुआ, जबकि नरेंद्र मोदी अपने पहले कार्यकाल में शासन की अधिनायकवादी शैली को अपनाए हुए प्रतीत हुए जो सरकार, विधायिका और न्यायपालिका के बीच तल्ख रिश्तों के जरिए दिखाई दी।’’

इस पुस्तक में पश्चिम बंगाल के एक गांव में बिताए बचपन से लेकर राष्ट्रपति रहने तक उनके लंबे सफर पर रोशनी डाली गई है। रूपा प्रकाशन ने ऐलान किया कि मुखर्जी के संस्मरण ‘द प्रेसिडेंशियल ईयर्स’ को जनवरी, 2021 में वैश्विक स्तर पर जारी किया जाएगा। 

(इनपुट एजेंसी)

Web Title: pranab mukharjee wrote in memoir blamed sonia gandhi and manmohan singh congress defeat 2014

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