मध्यप्रदेश में गरमाया बिजली कटौती का मुद्दा, अधिकारियों ने फाल्ट के लिए चमगादड़ों को ठहराया जिम्मेदार

By भाषा | Published: June 23, 2019 01:30 PM2019-06-23T13:30:58+5:302019-06-23T13:32:20+5:30

चमगादड़ तो बरसों से हैं, पर पहले तो बिजली कटौती नहीं होती थी। बेहतर होगा कि बहाने बनाने की बजाय बिजली विभाग काम करे और सरकार अपने उत्तरदायित्व की भावना समझे।’’ उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस की सरकार आने के बाद ही चमगादड़ पैदा हुए हैं।

Power Cuts Issue Madhya Pradesh, battered responsible by officers | मध्यप्रदेश में गरमाया बिजली कटौती का मुद्दा, अधिकारियों ने फाल्ट के लिए चमगादड़ों को ठहराया जिम्मेदार

मध्यप्रदेश में गरमाया बिजली कटौती का मुद्दा, अधिकारियों ने फाल्ट के लिए चमगादड़ों को ठहराया जिम्मेदार

Highlights इन चमगादड़ों के तारों पर लटकने से लाइन में शॉर्ट सर्किट होता है और बिजली गुल हो जाती है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने इस अजीबोगरीब वजह पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘भोपाल में चमगादड़ इसी साल पैदा नहीं हुए हैं।

मध्यप्रदेश में अघोषित बिजली कटौती का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है और बिजली कंपनियों के अधिकारी इस समस्या से इस कदर परेशान हैं कि एक समीक्षा बैठक के दौरान एक अधिकारी ने इस समस्या के लिए चमगादड़ों को दोषी ठहरा दिया। मध्यप्रदेश पॉवर सरप्लस राज्य है। ऐसे में गर्मी के मौसम में अघोषित बिजली कटौती से प्रदेश में राजनीतिक पारा चढ़ रहा है।

प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने बिजली आपूर्ति में बाधा के लिये पूर्ववर्ती भाजपा शासन के दौरान खरीदे गए ट्रांसफार्मर की खराब गुणवत्ता को दोषी ठहराया था। ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने इस संबंध में पीटीआई भाषा से कहा कि 14 जून को भोपाल जिले की समीक्षा बैठक के दौरान पॉवर कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि भोपाल के बड़े तालाब से लगे इलाकों की लाइनों पर चमगादड़ों के लटकने के कारण फाल्ट हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों की बात पर उन्हें भरोसा नहीं हुआ और उन्होंने उन्हें आपूर्ति लाइनों को इंसुलेशन कर दुरुस्त करने का निर्देश दिया। मंत्री ने बताया कि उन्होंने चमगादड़ों को बिजली फाल्ट के लिए जिम्मेदार ठहराने वाले अधिकारी को डांट लगाई। उन्होंने कहा कि यह फाल्ट के बहुत से कारणों में से एक हो सकता है, लेकिन यह मुख्य कारण नहीं हो सकता। उन्होंने ओवर लोड ट्रांसफारमर्स और लाइनों के ठीक से रखरखाव न होने को अघोषित बिजली कटौती की मुख्य वजह बताई। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति लाइनों के रखरखाव को कई सालों से नजरअंदाज किया गया है और अब इनका रखरखाव ठीक करने के निर्देश दिये गए हैं।

मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी मनोज द्विवेदी ने कहा कि चमगादड़ों के कारण पुराने भोपाल के बड़े तालाब के आसपास के इलाकों में बिजली के फाल्ट होते हैं क्योंकि तालाब के किनारे पुराने पेड़ों पर बड़ी संख्या में चमगादड़ रहते हैं। इन चमगादड़ों के तारों पर लटकने से लाइन में शॉर्ट सर्किट होता है और बिजली गुल हो जाती है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने इस अजीबोगरीब वजह पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘भोपाल में चमगादड़ इसी साल पैदा नहीं हुए हैं।

चमगादड़ तो बरसों से हैं, पर पहले तो बिजली कटौती नहीं होती थी। बेहतर होगा कि बहाने बनाने की बजाय बिजली विभाग काम करे और सरकार अपने उत्तरदायित्व की भावना समझे।’’ उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस की सरकार आने के बाद ही चमगादड़ पैदा हुए हैं।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा ‘‘मानसून पूर्व रखरखाव बिजली विभाग का एक नियमित कार्य है । तकनीकी खामियों को दूर किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं है और यह पॉवर सरप्लस राज्य है। विपक्षी भाजपा इस मामले में झूठ फैला रही है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा में गुटबाजी के कारण उसके नेता एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में प्रदेश सरकार पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। 

Web Title: Power Cuts Issue Madhya Pradesh, battered responsible by officers

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