अब 65 की उम्र से ऊपर के लोग और कोरोना मरीजों को मिली बैलेट पेपर की सुविधा, चुनाव आयोग का फैसला
By स्वाति सिंह | Published: July 2, 2020 06:21 PM2020-07-02T18:21:56+5:302020-07-02T18:31:03+5:30
कानून और न्याय मंत्रालय ने चुनाव (संशोधन) नियम 2020 के लिए अधिसूचना जारी की है जिसके मुताबिक 65 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और घर/संस्थागत क्वारंटीन के तहत कोविड-19 रोगियों के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा प्रदान करता है।
नई दिल्ली: देश में चल रहे कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप के बीच चुनाव आयोग (Election Commission) ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने 65 साल की उम्र से अधिक के लोगों को पोस्टल बैलेट (Postal Ballot) द्वारा अपने वोट डालने की अनुमति दी है। साथ ही कोरोना के मरीजों को भी पोस्टल बैलट के जरिए वोट डालने की अनुमति होगी। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग का यह फैसला बिहार चुनाव में लागू होगा।
मालूम हो कि कोविड-19 के संक्रमण का खतरा 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, गर्भवती महिलाओं, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और किडनी की बीमारियों सहित पुरानी बीमारी से ग्रसित लोगों के ज्यादा है। मेडिकल एक्सपर्ट्स और सरकार ने भी लगातार ऐसे लोगों को बाहर ना निकालने के लिए कहा है।
Ministry of Law & Justice issues notification for Conduct of Elections (Amendment) Rules 2020 - for extending postal ballot facility for electors above the age of 65 years & #COVID19 patients under home/institutional quarantine: Election Commission of India (ECI) pic.twitter.com/XPKeORe8gO
— ANI (@ANI) July 2, 2020
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कानून और न्याय मंत्रालय ने चुनाव (संशोधन) नियम 2020 के लिए अधिसूचना जारी की है जिसके मुताबिक 65 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और घर/संस्थागत क्वारंटीन के तहत कोविड-19 रोगियों के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा प्रदान करता है।
बता दें कि इससे पहले पोस्टल बैलेट का अधिकार 80 वर्ष तक के बुजुर्ग और दिव्यांगजनों को प्राप्त था। पिछले साल 22 अक्टूबर को कानून मंत्रालय द्वारा अधिसूचना के मुताबिक चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए 80 साल के अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा दी गई थी। उस वक्त मंत्रालय ने मतपत्र से मताधिकार देने के लिए निर्वाचन संचालन नियम 1961 में संशोधन करते हुए इन्हें 'अनुपस्थित मतदाता' की श्रेणी में शामिल किया था।