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पोक्सो कानून को और मजबूत करेगी सरकार, लंबित मामलों के लिए बनेंगी फास्ट ट्रैक अदालतें

By भाषा | Updated: July 17, 2019 18:09 IST

उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्र फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करेगा तथा आने वाले दिनों में इस संबंध में कैबिनेट के समक्ष एक प्रस्ताव रखा जाएगा।’’ रेड्डी ने कहा कि राज्यों एवं केन्द्र शासित क्षेत्रों में बच्चों के साथ अपराध के 1.6 लाख मामले लंबित हैं।

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ठळक मुद्देउन्होंने कहा, ‘‘हम दो सालों के भीतर इन लंबित मामलों का निस्तारण करेंगे। हम कानून में बदलाव लाएंगे।’’मंत्री ने कहा कि सरकार यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पाक्सो) कानून में संशोधन कर कठोर प्रावधानों के साथ इसे मजबूत बनाएगी।

केन्द्र बच्चों के साथ हुए अपराध के लंबित 1.6 लाख मामलों के निस्तारण के लिए शीघ्र ही फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करेगा व यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पाक्सो) कानून में कठोर प्रावधानों के साथ इसे मजबूत किया जाएगा।

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को प्रश्न काल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार इस संबंध में दो महत्वपूर्ण कानूनों में संशोधन के लिए मंत्रिमंडल से मंजूरी लेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्र फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करेगा तथा आने वाले दिनों में इस संबंध में कैबिनेट के समक्ष एक प्रस्ताव रखा जाएगा।’’ रेड्डी ने कहा कि राज्यों एवं केन्द्र शासित क्षेत्रों में बच्चों के साथ अपराध के 1.6 लाख मामले लंबित हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम दो सालों के भीतर इन लंबित मामलों का निस्तारण करेंगे। हम कानून में बदलाव लाएंगे।’’ मंत्री ने कहा कि सरकार यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पाक्सो) कानून में संशोधन कर कठोर प्रावधानों के साथ इसे मजबूत बनाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम कई मुद्दों पर ध्यान देंगे। कानून में सुधार कर बच्चों के खिलाफ अपराध के बढ़ती प्रवृत्ति से निवृत्ति और नये प्रकार के अपराध से मुकाबले की दिशा में काम किया जाएगा।’’ रेड्डी ने कहा कि सरकार इस बात को लेकर दृढ़ प्रतिज्ञ है कि कठोर दंडात्मक प्रावधान प्रतिरोधक की तरह काम करेंगे।

सरकार की मंशा सुरक्षा की दृष्टि से कमजोर बच्चों के हितों की रक्षा करना है। उन्होंने बताया कि इस साल पोक्सो कानून के तहत दुष्कर्म के 12,609 मामले दर्ज किये गये। इनमें से 6,222 मामलों में आरोपपत्र दायर किए गये हैं। 2,397 मामले ऐसे हैं जिन्हें दो माह से कम अवधि पहले दर्ज किया गया और जिनकी जांच जारी है।

3,590 मामले ऐसे हैं जिन्हें तीन माह से पहले दर्ज किया गया था। मंत्री ने कहा कि यह राज्य का विषय है तथा हम इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए राज्यों को नियमित तौर पर लिख रहे हैं। 

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