नितिन गडकरी की कार के प्रदूषण प्रमाणपत्र फर्जी, महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने दिए जांच के आदेश
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 18, 2019 08:21 AM2019-09-18T08:21:55+5:302019-09-18T08:21:55+5:30
पुणे और चंद्रपुर के जिन सेंटरों से पीयूसी प्रमाणपत्र जारी किए गए थे, उन केंद्रों पर परिवहन विभाग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें सील कर दिया है.
केंद्रीय मंत्री नितिन की कार का नंबर देकर महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों से प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) लेने की हिम्मत कोई कैसे कर सकता है? यह कहते हुए पीयूसी प्रमाणपत्र लेने वाले लोगों पर कार्रवाई करने का आदेश महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने दे दिया है.
ऐसे में जिन सजग लोगों ने लोकमत समाचार की ओर से ये मामला उजागर करने की कोशिश की थी कि महाराष्ट्र में पीयूसी प्रमाणपत्र जारी करने वाली यंत्रणा किस तरह भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा कर रही है, मंत्री के इस रुख से सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सड़क परिवहन, जहाजरानी व जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी की दिल्ली में दौड़ने वाली कार का पीयूसी प्रमाणपत्र इन जागरूक लोगों को नागपुर, पुणे और चंद्रपुर के पीयूसी सेंटरों ने बगैर कार देखे ही जारी कर दिया गया था.
किसी ने भी वाहन की जांच करना तो दूर यह पूछने तक की जरूरत नहीं समझी थी कि वाहन कहां है?
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की कार के प्रदूषण प्रमाणपत्र फर्जी
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए देशभर में वाहनों की जांच करके प्रमाणपत्र देने वाली यंत्रणा कितनी भ्रष्ट है, इसकी बानगी तब देखने को मिली जब केंद्रीय सड़क परिवहन, जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी की दिल्ली में दौड़ने वाली कार का पीयूसी प्रमाणपत्र नागपुर, पुणे और चंद्रपुर के पीयूसी सेंटरों ने बगैर कार देखे ही जारी कर दिया. किसी ने भी वाहन की जांच करना तो दूर यह पूछने तक की जरूरत नहीं समझी कि वाहन कहां है?
उल्लेखनीय है कि यह कार केंद्रीय मंत्री गडकरी के नाम पर है और वह तीन वर्षों से दिल्ली में है. इस कार का उपयोग गडकरी स्वयं करते हैं. किसी भी वाहन के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) उस वाहन की जांच करके दिया जाना चाहिए. इसके बाद ही वह सड़क पर आती है.
अन्यथा मोटर वाहन संशोधित कानून के अनुसार इसके लिए 10 हजार रुपए का जुर्माना और छह माह तक की सजा भोगनी पड़ती है.
लोकमत समाचार से बात करते हुए मंत्री रावते ने कहा कि जिन पीयूसी सेंटरों से प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं उन पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन, केंद्रीय मंत्री की कार का नंबर देकर प्रमाणपत्र मांगने की हिम्मत करनेवालों पर भी अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या आपको नहीं लगता की आपकी यंत्रणा दोषपूर्ण है? जवाब में उन्होंने कहा,''हम इसकी जांच करेंगे. कुछ सेंटरों ने कार बगैर लाए ही प्रमाणपत्र जारी कर दिए हैं तो यह देखकर यह नहीं कहा जा सकता की सारे महाराष्ट्र में ऐसा चल रहा है.
पुणे और चंद्रपुर में कार्रवाई:
पुणे और चंद्रपुर के जिन सेंटरों से पीयूसी प्रमाणपत्र जारी किए गए थे, उन केंद्रों पर परिवहन विभाग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें सील कर दिया है.